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अयोध्या विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, समझौते के लिए नहीं बना सकते दबाव, 23 मार्च को अगली सुनवाई

अयोध्या में रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होने के बाद कोर्ट ने इस पर बड़ी टिप्पणी की है।

Updated on: 14 Mar 2018, 07:48 PM

नई दिल्ली:

अयोध्या में रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होने के बाद कोर्ट ने इस पर बड़ी टिप्पणी की है।

सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'हम किसी से भी इस मामले में समझौता करने या फिर नहीं करने के लिए नहीं कह सकते। अगर दोनों पक्ष के वकील खड़े होकर यह कहें कि वो समझौते के लिए तैयार हैं तो हम इसे रिकॉर्ड करेंगे। हम इसे सुलझाने के लिए किसी को नियुक्त करने या फिर समझौता करने के लिए नहीं कह सकते।'

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस विवाद में तीसरे पक्ष की तरफ से दायर सभी याचिका को खारिज कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्रार को इस मामले में कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं करने का भी आदेश दिया है। गौरतलब है कि तीसरे पक्ष के तौर पर 32 ऐसे आवेदन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए दिए गए थे। इन आवेदनकर्ताओं में अपर्ना सेन, श्याम बेनेगल और तीस्ता सीतलवाड प्रमुख थीं।

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खास बात यह है कि 9000 पन्नों के दस्तावेज और 90000 पन्नों में दर्ज गवाहियां के अनुवाद के बाद आज से सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद की सुनवाई शुरू हुई है।

सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद मामले में 14 मार्च से रोजाना सुनवाई की तारीख निश्चित की थी। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई में तीन जजों की बेंच सुनवाई की दिशा तय करेगी। अयोध्या विवाद लगभग 68 सालों से कोर्ट में है।

हालांकि अब इस मामले की अगली सुनवाई 23 मार्च को दोपहर दो बजे होगी।

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