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मूर्ति विसर्जन विवाद पर कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले से बिफरी ममता, कहा-'मुझे नहीं बताएं क्या करना है'

दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन पर बंगाल सरकार के फैसले पर रोक लगाए जाने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कलकत्ता हाई कोर्ट पर निशाना साधा है।

Updated on: 22 Sep 2017, 12:04 AM

highlights

  • मूर्ति विसर्जन पर बंगाल सरकार के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट के फैसले पर बिफरी ममता
  • ममता ने कहा कि वह शांति बनाए रखने के लिए सब कुछ करेंगी, लेकिन कोई उन्हें नहीं बता सकता कि क्या करना है

नई दिल्ली:

दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन पर बंगाल सरकार के फैसले पर रोक लगाए जाने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कलकत्ता हाई कोर्ट पर निशाना साधा है।

मता ने कहा, 'मैं शांति की स्थिति बनाए रखने के लिए सब कुछ करुंगी।' उन्होंने कहा, 'कोई मेरा गला काट सकता है लेकिन कोई मुझे यह नहीं बता सकता है कि मुझे क्या करना है।'

गौरतलब है कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार के दुर्गापूजा के दौरान दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन पर समय सबंधी रोक के आदेश को रद्द करते हुए ममता सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी।

वहीं बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) ने इस फैसले का स्वागत किया है। बीजेपी ने कोर्ट के इस फैसले को लोगों की जीत बताया है। बंगाल बीजेपी के वाइस प्रेसिडेंट और राज्यसभा सांसद रुपा गांगुली ने ममता बनर्जी पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया।

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बोस ने कहा, 'हम 2011 से देखते आ रहे हैं कि ममता मुख्यमंत्री बनने के बाद से विभाजनकारी राजनीति करती रही हैं। वह वोट बैंक की राजनीति और तुष्टिकरण करती रही हैं।'

वहीं गांगुली ने कहा कि बनर्जी का मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाने का फैसला मुस्लिम वोट बैंक को बनाए रखने की नीति थी।

सरकार के निर्देश को एकपक्षीय बताते हुए अदालत ने पुलिस से शहर में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन और मुहर्रम के अवसर पर ताजिया निकालने के लिए अलग-अलग रास्ते निर्धारित करने और दोनों धार्मिक पर्व के दौरान पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चत करने के लिए कहा।

राज्य सरकार ने दुर्गा पूजा की समाप्ति के दिन, 30 सितम्बर यानी दशमी को रात दस बजे के बाद मूर्ति विसर्जन पर प्रतिबंध लगा दिया था। मुस्लिम समुदाय के लोग एक अक्टूबर को मुहर्रम मनाएंगे।

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