राजस्थान और प बंगाल उपचुनाव के लिए वोटिंग जारी, राजे के लिए साबित होगा सेमीफाइनल मुकाबला
राजस्थान में अलवर और अजमेर लोकसभा सीट और मंडलगढ़ विधानसभा सीट और प बंगाल के उलुबेरिया लोकसभा और नवपारा विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो चुकी है।
highlights
- राजस्थान का उपचुनाव वसुंधरा राजे के लिए सेमीफाइनल मुकाबला माना जा रहा है
- प बंगाल उपचुनाव वामपंथी पार्टियों के साथ कांग्रेस के लिए भी खोयी हुई जमीन पाने का मौका
- दोनों राज्यों में हो रहे इन उपचुनावों के नतीजे 1 फरवरी को घोषित किए जाएंगे
नई दिल्ली:
राजस्थान में अलवर और अजमेर लोकसभा सीट और मंडलगढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए शुरू हो चुकी है।
वहीं पश्चिम बंगाल के उलुबेरिया लोकसभा और नवपारा विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो चुकी है। सुबह 8 बजे से सभी सीटों के लिए वोटिंग शुरू हो गई।
दोनों राज्यों में हो रहे इन उपचुनावों के नतीजे 1 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।
राजस्थान उपचुनाव का गणित
राजस्थान का यह उपचुनाव इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजे सरकार के लिए सेमीफाइनल मुकाबला माना जा रहा है, साथ ही कांग्रेस पार्टी के लिए राज्य में अपनी जमीन तैयार करने का अच्छा मौका है।
राजस्थान के अजमेर लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार रामस्वरूप लांबा कांग्रेस के रघु शर्मा के खिलाफ मैदान में हैं। लांबा स्वर्गीय सांसद सांवर लाल जट के बेटे हैं, पिछले साल अगस्त में उनकी मरने के बाद अजमेर लोकसभा सीट खाली हो गई थी।
अलवर लोकसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार जसवंत सिंह यादव हैं जो राजस्थान सरकार में मंत्री भी हैं। वहीं कांग्रेस की तरफ से डॉ करण सिंह यादव टक्कर में हैं। अलवर से बीजेपी सांसद चंदन नाथ योगी के निधन के बाद सीट खाली हुई थी।
मांडलगढ़ विधानसभा सीट के लिए बीजेपी के शक्ति सिंह और कांग्रेस के विवेक धाकड़ अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। बीजेपी की विधायक रही कार्ति कुमारी के निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी।
अलवर लोकसभा क्षेत्र में कुल 1987 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं और अजमेर लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं के लिए 1925 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं।
मांडलगढ़ विधानसभा में वोट डाले जाने के लिे 282 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। अलवर में कुल 18.27 लाख, अजमेर में 18.42 लाख और 2.31 लाख रजिस्टर्ड वोटर हैं।
अलवर लोकसभा में कुल आठ, अजमेर में 23 और मांगलगढ़ विधानसभा उपचुनाव में आठ प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
पश्चिम बंगाल उपचुनाव का गणित
पिछले साल सितंबर में हावड़ा जिले की उलुबेरिया लोकसभा सीट सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद सुल्तान अहमद के निधन के बाद खाली हुई थी।
टीएमसी ने सुल्तान अहमद की पत्नी साजदा को इस बार मैदान में उतारा है। सीपीएम नेतृत्व ने सबीरूद्दीन मोल्ला और कांग्रेस ने एस के मदस्सर हुसैन वारसी को लोकसभा सीट पर खड़ा किया है। वहीं सिर्फ बीजेपी ने हिंदू उम्मीदवार अनुपम मलिक को उलुबेरिया उपचुनाव के लिए आजमाया है।
वहीं नवपाड़ा विधानसभा उपचुनाव के लिए टीमएसी के सुनील सिंह के सामने सीपीएम की गार्गी चटर्जी मैदान में है। कांग्रेस ने गौतम बोस और बीजेपी ने संदीप बनर्जी को खड़ा किया है।
बता दें कि नॉर्थ 24 परगना जिले का नवपाड़ी विधानसभा सीट कांग्रेस विधायक मधुसुदन घोष के निधन के बाद खाली हो गया था।
पश्चिम बंगाल का यह उपचुनाव वामपंथी पार्टियों के साथ कांग्रेस के लिए भी अपनी खोयी हुई जमीन को पाने का अच्छा मौका हो सकता है। वहीं पिछले विधानसभा चुनाव में हारने के बाद बीजेपी भी मजबूत टीएमसी के सामने जोर आजमाईश कर रही है।
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