logo-image

अरुण जेटली और विजय माल्या की मुलाकात से चढ़ा सियासी पारा, कांग्रेस ने कहा- BJP का एकमात्र लक्ष्य, 'लुटेरों का विकास'

करोड़ों रुपये की बैंक धोखाखड़ी के मामले में भगोड़े शराब व्यापारी विजय माल्या का वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ मुलाकात के दावे से सियासत गरमा गई है।

Updated on: 12 Sep 2018, 09:52 PM

नई दिल्ली:

करोड़ों रुपये की बैंक धोखाखड़ी के मामले में भगोड़े शराब व्यापारी विजय माल्या का वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ मुलाकात के दावे से सियासत गरमा गई है। इस मामले पर आप, कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियों ने केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार को घेरते हुए निशाना साधा। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी सरकार और बीजेपी पर हमला बोला। सुरजेवाला ने ट्वीट कर लिखा कि भगौड़ो का साथ, 'लुटेरों का विकास' बीजेपी का एकमात्र लक्ष्य है। विजय माल्या, तो श्री अरुण जेटली से मिल,विदाई लेकर,देश का पैसा लेकर भाग गया है?'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने वित्त मंत्री को घेरते हुए सवाल दागा। न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, 'बैंकों को लूटने के बाद विजय माल्या फरार हो गया। सरकार के पास जानकारी थी। विजय माल्या के मामले पर वित्त मंत्री ने संसद पर बयान दिए। उन्हें इस मुलाकात के बारे में भी बताना चाहिए था।'

और पढ़ें: भगोड़े विजय माल्या ने कहा- वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिलकर कहा था, लंदन जा रहा हूं

राजनीतिक गलियारों में माल्या और जेटली की मुलाकात के बाद सियासी पारा चढ़ गया है। दिल्ली में सत्ता पर काबिज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट की श्रृंखला में जेटली पर निशाना साधा। केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा, 'नीरव मोदी देश छोड़ने से पहले पीएम मोदी से मिलता है। विजय माल्या के देश छोड़ने से पहले वित्त मंत्री उससे मिलते हैं। इन बैठकों में क्या हुआ? लोग जानना चाहते हैं।'

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पिछले 18 महीनों से कांग्रेस बार-बार जोर दे रही है कि न केवल विजय माल्या बल्कि नीरव मोदी, चोकसी और कई अन्य को सज़ा से छूट दी गई है।

और पढ़ें : सिर्फ वित्त मंत्री अरुण जेटली ही नहीं बीजेपी के सभी नेताओं का विजय माल्या से हैं संबंध: यशवंत सिन्हा

बता दें कि शराब व्यापारी विजय माल्या ने बुधवार को दावा किया कि 2016 में भारत छोड़ने से पहले उसने वित्तमंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी। माल्या ने वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाहर पत्रकारों से कहा, 'मेरी जेनेवा में एक बैठक प्रस्तावित थी। भारत छोड़ने से पहले मैंने वित्तमंत्री से मुलाकात की थी। बैंकों के साथ मामला निपटाने का अपना प्रस्ताव मैंने दोहराया था। यह सच है।'

माल्या इस अदालत में भारतीय अधिकारियों द्वारा दाखिल प्रत्यर्पण मामले का सामना कर रहे है। उल्लेखनीय है कि माल्या ने दो मार्च, 2016 को भारत छोड़ दिया था। उसने दावा किया कि भारत की दो बड़ी पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस उसे पसंद नहीं करती हैं।