ट्रैक की मरम्मत के कारण हुआ हादसा, दोषियों को मिलेगी सख्त सजा: रेलवे
दुर्घटना के कारणों को लेकर मोहम्मद जमशेद ने कुछ भी नहीं कहा। उन्होंने कहा, 'आज रात 10 बजे तक रूट पर ट्रेनों का संचालन संभव हो पाएगा।'
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुए ट्रेन हादसे को लेकर रेलवे बोर्ड ने कहा कि अभी तक इसमें 20 लोगों की मौत हुई है, जबिक 92 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
ट्रैफिक रेलवे बोर्ड के मेंबर मोहम्मद जमशेद ने कहा कि हादसे को लेकर आईपीसी की धारा 304ए के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। आईपीसी की यह धारा लापरवाही के कारण हुई मौत से संबंधित है।
जमशेद ने कहा, 'रेलवे कमिश्नर (सेफ्टी) इस मामले की जांच करेंगे। वह यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि मामले में नियमों का पालन किया गया या नहीं।' रेलवे कमिश्नर सेफ्टी, सोमवार को इस मामले की जांच शुरू करेंगे।
उन्होंने कहा, 'घटना की जांच को लेकर कहा कि इस संबंध में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आदेश दे दिया है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।'
घटना को लेकर अज्ञात लोगों के खिलाफ सेक्शन 304 A के तहत एफआईआर दर्ज कर लिया गया है। बता दें कि शनिवार को पुरी से हरिद्वार जा रही कलिंग उत्कल एक्सप्रेस की 14 बोगियां पटरी से उतर गई।
Traffic on the line will be restored around 10 pm: Mohd Jamshed (Member Traffic, Railway Board) #UtkalExpressDerailment pic.twitter.com/xaUTrI3PnE
— ANI (@ANI) August 20, 2017
पीटीआई के मुताबिक इस भीषण हादसे में अभी तक 23 लोगो की जान जा चुकी है जबकि 156 लोग घायल होने के बाद अस्पताल में भर्ती किए गए हैं।
हादसा शनिवार को शाम करीब 5.45 मिनट पर उस वक्त हुआ जब ट्रेन मुजफ्फरनगर के खतौली से गुजर रही थी। हादसा इतना भयावह था कि ट्रेन की बोगियां एक दूसरे एक ऊपर चढ़ गईं।
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रेलवे मंत्री सुरेश प्रभु ने रविवार को नई दिल्ली में मीडिया को बताया कि उन्होंने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को शाम तक प्रथम दृष्ट्या सबूत के आधार पर दुर्घटना की जिम्मेदारी तय करने के लिए कहा है।
प्रभु ने ट्वीट किया, '(बोर्ड द्वारा) संचालन में ढिलाई बरतने की अनुमति नहीं दी जाएगी। रेल संचालन को बहाल करना शीर्ष प्राथमिकता है। स्थिति पर करीब से नजर रखी जा रही है।'
उन्होंने कहा कि रेलवे आयुक्त (सुरक्षा) प्रारंभिक निरीक्षण के लिए घटनास्थल का दौरा करेंगे। उन्होंने इसमें आतंकवादी साजिश होने की बात से इनकार नहीं किया है।
मोदी सरकार के अब तक के कार्यकाल में यह 8वां बड़ा रेल हादसा है और इसमें ज्यादातर बड़े हादसे देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में ही हुए हैं।
गौरतलब है कि साल 2014 में एनडीए सरकार बनने के बाद से ही प्रधानमंत्री रेलवे का कायाकल्प करने का दावा ठोक रहे हैं लेकिन उन्हीं के शासन काल में एक के बाद एक 8 बड़े रेल हादसे हो चुके हैं जिसमें सैकड़ों निर्दोष लोगों की जिंदगी जा चुकी है।