अमेरिकी सांसद ने बलूचिस्तानियों के ख़िलाफ अत्याचार पर पाकिस्तान को चेताया
अमेरिकी सांसद ने अमेरिका से बलूचिस्तान की आजादी के लिए समर्थन देने की भी मांग की है।
नई दिल्ली:
पाकिस्तान द्वारा बलूच लोगों पर हो रहे अत्याचार और दमनकारियों नीतियों को लेकर पहली बार अमेरिका के अंदर से आवाज़ उठती दिख रही है।
गुरुवार को सीनियर अमेरिकी सांसद डेना वॉरोबेकर ने कहा कि पाकिस्तान को नहीं भूलना चाहिए कि 1971 में क्या हुआ। पाकिस्तान द्वारा स्थानीय लोगों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का ही नतीजा था कि ईस्ट पाकिस्तान बांग्लादेश बन गया।
अमेरिकी सांसद ने अमेरिका से बलूचिस्तान की आजादी के लिए समर्थन देने की भी मांग की है।
वॉरोबेकर न कहा, 'जब बांग्लादेश के लोग पाकिस्तानी सरकार से थोड़ा आजाद होना चाहते थे, उस समय स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता था, लेकिन उस समय पाकिस्तानी सरकार ने बेरहमी से उनका दमन किया।'
उन्होंने कहा, 'इसी तरह की परिस्थितियां अब न सिर्फ बलूच, बल्कि मुहाजिरों यानी कि बंटवारे के बाद भारत से गए लोगों के खिलाफ भी बन रही हैं।'
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उन्होंने कहा, 'मुहाजिर भ्रष्ट, आतंक समर्थित पाकिस्तान सरकार के नियंत्रण में नहीं रहना चाहते हैं। हमें ऐसे लोगों का साथ देना चाहिए जो अपनी आजादी चाहते हैं और उन्हीं मूल्यों पर विश्वास करते हैं, जिन्हें हम मानते हैं।'
उन्होंने कहा, 'यही पाकिस्तान का इतिहास है। अब वे ऐसा बलूच के साथ कर रहे हैं, सिंधियों के साथ कर रहे हैं। पाकिस्तान सरकार में सिर्फ कुछ खास समुदाय के लोगों का ही कब्जा है।'
डेना वॉरोबेकर ये बातें गुरुवार को यूएस हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स में कहीं। बता दें कि बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है, लेकिन यहां की आबादी बहुत कम है।
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