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AMU में आरक्षण को लेकर UP एससी-एसटी आयोग ने मांगा जवाब

उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष बृजलाल ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में दलितों एवं पिछड़ों को आरक्षण न देने के खिलाफ एक नोटिस जारी कर महीने भर में जवाब मांगा है।

Updated on: 04 Jul 2018, 04:55 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष बृजलाल ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में दलितों एवं पिछड़ों को आरक्षण न देने के खिलाफ एक नोटिस जारी कर महीने भर में जवाब मांगा है।

बृजलाल ने बुधवार को पत्रकार वार्ता कर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को नोटिस जारी कर दिया गया है। अगर जवाब जल्द नहीं मिला तो आगे की कार्रवाई भी की जाएगी।

उन्होंने बताया कि इस नोटिस में उच्च न्यायालय का भी हवाला दिया गया है कि जब अदालत ही उसे मुस्लिम विश्वविद्यालय नहीं मानता, तो आखिर किस आधार पर दलितों और पिछड़ों को आरक्षण नहीं दिया जा रहा है।

बृजलाल ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना के समय इसमें मुस्लिम और गैर मुस्लिम, दोनों ने ही अनुदान दिया। 1990 में मुसलमानों को विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में 50 फीसदी आरक्षण दिए जाने की व्यवस्था की गई थी।

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय द्वारा दलितों को आरक्षण न देने पर उत्तर प्रदेश की राजनीति में घमासान मचा हुआ है। जहां एक और विपक्ष इसे भाजपा की साजिश बता रहा है, तो वहीं दूसरी ओर भाजपा इस पर हमलावर होती दिख रही है।