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राज्यसभा चुनाव 2018: क्या अमित शाह पलट देंगे पूरा समीकरण, एसपी के 7 MLA बैठक से नदारद

अगले शुक्रवार यानी की 23 मार्च को देशभर की 58 राज्यसभा सीटों पर होने वाले चुनाव में 10 सीटें यूपी भरी जाएंगी।

Updated on: 22 Mar 2018, 11:06 PM

नई दिल्ली:

यूपी और गोरखपुर उपचुनाव में मिली हार का बदला (भारतीय जनता पार्टी) बीजेपी राज्यसभा चुनाव में लेने की तैयारी में है। शुक्रवार यानी की 23 मार्च को 16 राज्यों के 58 राज्यसभा सीटों पर होने वाले चुनाव में 10 सीटें यूपी से भरी जाएंगी।

यूपी के 10 में से 8 सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों की जीत तय मानी जा रही है वहीं बाकी के दो सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समाजवादी पार्टी के विधायकों को अपने पाले में लाने की कोशिश में लगे हुए हैं। चुनाव से पहले सियासी जोड़तोड़ का खेल शुरू हो गया है।

ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि राष्ट्रपति चुनाव में एनडीएन उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन करने वाले एसपी विधायक पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की तरफ से आयोजित बैठक में नहीं पहुंचे। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि बैठक में हिस्सा नहीं लेने वाले एसपी के ऐसे 7 विधायक क्रॉस वोटिंग के जरिए बीजेपी को फायदा पहुंचा सकते हैं।

हालांकि समाजवादी पार्टी के नेताओं ने कहा है कि, सभी विधायक एकजुट हैं और जो मीटिंग में नहीं आये थे वो पार्टी अध्यक्ष के साथ अलग से मीटिंग में हिस्सा लेंगे।

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हाल ही में एसपी से बीजेपी में आए नरेश अग्रवाल के बेटे भी अखिलेश यादव की बैठक में शामिल नहीं हुए। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि वो भी बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन में वोट कर सकते हैं।

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव से ठीक पहले योगी सरकार से नाराज चल रहे ओमप्रकाश राजभर को भी मना लिया है और वो एनडीए में ही रहेंगे।

दूसरी तरफ 9 वें सीट पर एसपी उम्मीदवार जय बच्चन की जीत तय मानी जा रही है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी अपने सरप्लस वोट को बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) उम्मीदवार को देकर गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में मायावती के समर्थन का कर्ज उतारना चाहती है।

अगर समाजवादी पार्टी के विधायकों ने बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन में वोट दिया तो मायावती की पार्टी का कोई भी उम्मीदवार राज्यसभा नहीं पहुंच पाएगा क्योंकि बीएसपी के पास सिर्फ 19 विधायक ही हैं।

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403 सदस्यों वाले यूपी विधानसभा में फिलहाल 324 सदस्य एनडीए के पक्ष में है। इसलिए आठ सांसदों को चुनने के बाद 28 वोट भी बीजेपी के पास सरप्लस में होगा।

गौरतलब है कि राज्यसभा में एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 37 विधायकों के वोट की जरूरत होती है। इसका मतलब यह है कि 9 वें सीट पर बीजेपी उम्मीदवार को जीतने के लिए सिर्फ 2 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी।

खास बात यह है कि जिस निषाद पार्टी के अध्यक्ष के बेटे को अखिलेश ने गोरखपुर से एसपी उम्मीदवार बनाया था उसी पार्टी के एकमात्र विधायक विजय मिश्र ने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। वहीं तीन निर्दलीय विधायकों में जहां दो एसपी के समर्थन में हैं वही तीसरा विधायक एनडीए के समर्थन में है।

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