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JNU में 'पकौड़ा' बेचना छात्रों को पड़ा भारी, यूनिवर्सिटी ने बतौर सजा हॉस्टल से निकाला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक इंटरव्यू में पकौड़ा बनाने को भी रोजगार बताने के बाद जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में कुछ छात्रों को पकौड़ा तलना भारी पड़ गया।

Updated on: 17 Jul 2018, 09:26 AM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक इंटरव्यू में पकौड़ा बनाने को भी रोजगार बताने के बाद जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में कुछ छात्रों को पकौड़ा तलना भारी पड़ गया।

यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों के विरोध स्वरूप पकौड़ा बनाकर उसे कैंपस में बेचने को अनुशासनहीनता मानते हुए ऐसे में छात्रों पर 20 हजार का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही बतौर सजा एक छात्र को जहां हॉस्टल से निकाल दिया गया वहीं तीन छात्रों का हॉस्टल भी बदल दिया गया है।

गौरतलब है कि फरवरी महीने में एक टीवी इंटरव्यू के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि पकौड़ा बनाकर बेचना भी एक रोजगार है।

पीएम मोदी के इसी बयान से नाराज होकर जेएनयू के कुछ छात्रों ने पकौड़ा बेच कर विरोध प्रदर्शन किया था। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस तरह के प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे सेंटर फॉर इंडियन लैंग्वेजेज के छात्र मनीष कुमार के खिलाफ जांच भी शुरू कर दिया है।

गौरतलब है कि पीएम मोदी के पकौड़ा बेचने वाले बयान पर खूब हंगामा बरपा था और कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने इसका कड़ा विरोध करते हुए पकौड़ा बेच कर प्रदर्शन किया था।

पीएम की आलोचना होने के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राज्यसभा में बयान का समर्थन किया था और कहा था कि पकौड़ा बना कर बेचना कोई शर्म की बात नहीं बल्कि उसकी तुलना भिखारी से करना शर्म की बात है।