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नोटबंदी में इतनी जल्दबाजी, राम मंदिर पर निर्णय अभी तक क्यों नहीं : उद्धव ठाकरे

शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अपने सत्ता सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर शनिवार को एक नया तीखा हमला बोला।

Updated on: 14 Jul 2018, 08:52 PM

नई दिल्ली:

शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अपने सत्ता सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर शनिवार को एक नया तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यदि नोटबंदी का निर्णय इतनी तत्परता से लिया जा सकता है तो फिर अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर निर्णय अभी तक क्यों नहीं लिया गया।

ठाकरे ने सवाल किया, 'नोटबंदी का निर्णय आनन-फानन में ले लिया गया, लेकिन राम मंदिर पर अभी तक काम नहीं शुरू हो पाया। उन्होंने (भाजपा ने) कहा था कि चुनाव से पूर्व मंदिर बन जाएगा- किस चुनाव से पहले, 2019 या 2050?'

यहां चुनाव पूर्व की तैयारी के सिलिसिले में आए उद्धव ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि भाजपा की अन्य प्रमुख नीतियों जैसे समान नागरिक संहिता, या अनुच्छेद 370 को समाप्त करने, की भी यही हाल है।

उन्होंने सवाल किया, 'इस समय इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं है, ये सारे मुद्दे भुला दिए गए हैं। आपके पास बहुमत है और इन सभी को लागू करना चाहिए था..क्या हुआ?'

मुंबई के 100 चुनिंदा कॉलेजों के विद्यार्थियों को भगवद गीता वितरित करने को लेकर हाल में पैदा हुए विवाद से जुड़े एक प्रश्न के जवाब में ठाकरे ने कहा, 'यह मुंबई विद्यापीठ में व्याप्त गड़बड़ी को छिपाने के लिए किया जा रहा था।'

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उद्धव ने कहा, 'विद्यार्थियों को आधुनिक समय में प्रासंगिक शिक्षा दिए जाने की जरूरत है। विश्वविद्यालय में कुप्रबंधन की भरमार है, प्रश्न-पत्र लीक हो रहे हैं, परीक्षणा परिणाम में देरी हो रही है और अन्य समस्याएं हैं। इन सभी मुद्दों पर ध्यान देने और इन्हें सुलझाने के बदले शिक्षा विभाग भगवद गीता बांटना चाहता है।'

रत्नागिरि के नानार में सऊदी अरमाको की प्रस्तावित 30 खरब रुपये लागत वाली तेल रिफायनरी और एकीकृत पेट्रोकेमिकल परिसर पर निशाना साधते हुए उद्धव ने कहा कि उनकी पार्टी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की इस महत्वाकांक्षी परियोजना का विरोध जारी रखेगी।

ठाकरे ने घोषणा की, 'मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि यदि स्थानीय लोग इसे नहीं चाहेंगे तो परियोजना नहीं थोपी जाएगी। वह चाहे जो कहें, हम कोंकण क्षेत्र के लोगों के साथ हैं, जो कि इस परियोजना को नहीं चाहते। हम इस परियोजना को वहां आने नहीं देंगे।'

उद्धव ने इसके पहले पार्टी की पुणे इकाई के पदाधिकारियों के साथ बैठक में स्वीकार किया कि पुणे और पश्चिमी महाराष्ट्र के क्षेत्र को नजरअंदाज किया जा रहा है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

उन्होंने आश्वस्त किया, 'मैंने पार्टी के सभी नेताओं को निर्देश दिया है कि वे पुणे पर विशेष ध्यान दें और वे नई ऊर्जा के साथ काम करेंगे। मैं भी प्रगति की निगरानी के लिए यहां नियमित तौर पर आता रहूंगा।'

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