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तीन तलाक: जानें सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में कब क्या हुआ

देश में लंबे समय से विवाद में रहे सामाजिक मुद्दों में से एक तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने 6 दिनों तक सुनवाई कर सभी पक्षों की दलीलें सुन ली हैं और फैसला सुरक्षित रख लिया है।

Updated on: 18 May 2017, 03:29 PM

नई दिल्ली:

तीन तलाक को लेकर देश में चर्चा हो रही है लेकिन इसके साथ ही विवाद भी चल रहा है। देश में लंबे समय से विवाद में रहे सामाजिक मुद्दों में से एक तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने 6 दिनों तक सुनवाई कर सभी पक्षों की दलीलें सुन ली हैं और फैसला सुरक्षित रख लिया है।

सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार ने पूछा था कि क्या धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के तहत तलाक-ए-बिद्दत (एक बार में 3 तलाक कहना), हलाला और बहुविवाह की इजाजत दी जा सकती है ? समानता का अधिकार, गरिमा के साथ जीने का अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार में प्राथमिकता किसको दी जाए? क्या पर्सनल लॉ को संविधान के अनुच्छेद-13 के तहत कानून माना जाएगा या नहीं? क्या तलाक-ए-बिद्दत, निकाह हलाला और बहुविवाह उन अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के तहत सही है, जिन पर भारत ने भी दस्तखत किए हैं?

देखते हैं कि अब तक इस मामले में क्या हुआ-


2017

# 18 मई- मुख्य याचिकाकर्ता सायराबानो के वकील ने तीन तलाक को पाप बताया। सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिेया है।

# 17 मई- सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड से पूछा था कि क्या मुस्लिम महिलाओं को ये अधिकार है कि वो निकाहनामा के दौरान तीन तलाक को मानने से इनकार कर सकें। बेंच ने ये भी पूछा था कि क्या शादी कराने वाले काज़ी इस शर्त को शामिल करने के लिये राज़ी होंगे।

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# 16 मई- ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा था कि 1400 साल से तीन तलाक की परंपरा रही है और आस्था के मामले में संवैधानिक नैतिकता और समानतता का सवाल नहीं आता।

# 15 मई- अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट तीन तलाक को असंवैधानिक करार देती है तो केंद्र सरकार मुस्लिम समुदाय में विवाह को नियमित करने के लिये नया कानून भी ला सकती है। उन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ के दूसरे पहलू निकाह हलाला, और बहुविवाह पर भी सुप्रीम कोर्ट से विचर करने की गुज़ारिश की।

# 12 मई- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तीन तलाक शादी को खत्म करने का सबसे खराब तरीका है, इसे किसी भी तरह से स्वीकार नहीं किया जा सकता है। यहां तक इसे अवैध ठहराने की सिफारिश भी की गई है।

# 11 मई- सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वो इस बात का फैसला करेगा कि मुस्लिम समुदाय में प्रचलित तीन तलाक संविधान सम्मत है या नहीं और इस्लाम का इस पर क्या कहना है।

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# 30 मार्च- सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये मसला काफी महत्वपूर्ण है और इससे भावनाएं जुड़ी हुई हैं। इस मसले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की बेंच 11 मई से करेगी।

# 3 मई- सुप्रीम कोर्ट ने सलमान खुर्शीद को तीन सलाक, निकाह हलाला और बहुविवाह के लिये एमिकस क्यूरी नियुक्त किया।

# 21 अप्रैल- दिल्ली हाई कोर्ट ने हिंदू महिला की शादी मुस्लिम से होने पर तीन तलाक से संबंधित एक याचिका को खारिज कर दिया।

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#18 अप्रैल- अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि तीन तलाक को अनुमति नहीं देना चाहिये क्यों कि महिलाओं को भी उतना ही अधिकार है जितना कि पुरुषों को है। उनसे असमानता का व्यवहार नहीं होना चाहिये।

# 16 अप्रैल- AIMPLB ने कहा कि तीन तलाक के मसले पर एक आचार संहिता जारी करने का फैसला लिया है और शरीया कानून के हिसाब से तीन तलाक न देने पर उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा।

# 11 अप्रैल- केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि तीन तलाक, बहु विवाह और निकाह हलाला के कारण मुस्लिम महिलाओं की सामाजिक प्रतिष्ठा और स्वाभिमान को प्रभावित करता है, जो संविधान में दिये गए मौलिक अधिकारों के खिलाफ है।

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# 27 मार्च- AIMPLB ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि तीन तलाक से संबंधित याचिकाएं अदालत के अधिकार से बाहर हैं।

# 16 फरवरी: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मसले पर सुनवाई के लिए एक पांच जजों की संवैधानिक पीठ गठत की जाएगी। जो तीन तलाक, निकाह हलाला और बहुविवाह पर फैसला करेगी।

# 14 फरवरी - सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस विषय से संबंधित तमाम मामलों को एक साथ कर सुनवाई की जाए।


2016

# 9 दिसंबर- इलाहाबाद हाइ कोर्ट ने तीन तलाक को असंवाधानिक तो करार नहीं दिया लेकिन ये जरूर कहा कि पर्सनल लॉ के नाम पर मुस्लिम महिलाओं सहित किसी के भी मूल अधिकारों का उल्लंघन नहीं किया जा सकता।

# 7 अक्टूर - देश के इतिहास में पहली बार केंद्र सरकार ने इस तरह की परंपराओं को चुनौती दी और कहा कि लिंग के आधार पर मूल अधिकारों और मानवाधिकारों का हनन नहीं किया जा सकता और इस पर विचार किये जाने का जरूरत है।

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# 29 जून- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तीन तलाक की परंपरा को संविधान की कसौटी पर कसा जाएगा

# 28 मार्च- सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि महिला और कानून पर एक रिपोर्ट दे। जिसमें विवाह, तलाक, संपत्ति और उत्तराधिकार से संबंधित जानकारी हो। कोर्ट ने AIMPLB और दूसरी संस्थाओं से इस संबंध में अपनी राय देने के लिये कहा।

# 5 फरवरी- तीन तलाक, निकाह हलाला और बहुविवाह पर सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से सहयोग करने के लिये कहा।


2015

# 16 अक्टूबर- हिंदुओं के उत्तराधिकार की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने मुख्य न्यायाधीश से कहा कि एक बेंच का गठन किया जाए जो इस बात की जांच करे कि क्या तलाक के मामले में मुस्लिम महिलाएं लिंग भेद का सामना करती है?

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