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बॉम्बे हाई कोर्ट ने जताई चिंता, उदारवादी और विरोधी विचारों का खात्मा खतरनाक चलन

बॉम्बे हाई कोर्ट ने गौरी लंकेश की हत्या का जिक्र करते हुए चिंता जताई है कि देश में विरोधी स्वर और उदारवादी मूल्यों को खत्म किया जा रहा है।

Updated on: 12 Oct 2017, 09:00 PM

नई दिल्ली:

बॉम्बे हाई कोर्ट ने गौरी लंकेश की हत्या का जिक्र करते हुए चिंता जताई है कि देश में विरोधी स्वर और उदारवादी मूल्यों को खत्म किया जा रहा है। कोर्ट में गोविंद पंसारे और नरेंद्र दाभोलकर की हत्या पर दायर एक याचिका की सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की गई।

न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की पीठ ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि दाभोलकर और पंसारे की हत्या की मॉनीटरिंग कोर्ट करे।

कोर्ट ने कहा, 'उदारवादी मूल्यों और विचारों के लिये कोई सम्मान नहीं है। उदारवादी सिद्धांतों की सोच वाले लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। सिर्फ ऐसी सोच वाले ही नहीं बल्कि ऐसी संस्थाओं को भी निशाना बनाया जा रहा है जो उदारवादी सोच रखती हैं। अब लोग ये सोच रखने लगे हैं कि अगर कोई मेरे विचार से सहमत नहीं तो उसे खत्म कर देना चाहिये।'

कोर्ट ने कहा, 'इस तरह से विरोधी या विपक्ष को मारने का चलन खतरनाक है। इससे देश की बदनामी हो रही है।'

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सीबीआई और महाराष्ट्र की सीआईडी ने दाभोलकर और पानसारे हत्या मामलों में क्रमश: अपनी जांच रिपोर्ट दाखिल की है। पीठ ने कहा कि अभी तक जांच अधिकारी किसी ठोस नतीजे तक पहुंचने में नाकाम रहे हैं।

हाई कोर्ट ने जांच एजेंसियों से कहा, 'जबकि आपके प्रयास वास्तविक हैं, लेकिन सच ये भी है कि मुख्य आरोपी अब भी फरार हैं.... और हर सुनवाई के बीच एक कीमती जान चली जाती है।'

अदालत ने कहा कि बेंगलुरु में एक उदारवादी, समान सोच वाली एक महिला की हत्या हो गयी। पीठ ने कहा कि जांच एजेंसियों को अपनी जांच की लाइन बदलनी चाहिए और हत्यारों को पकड़ने के लिए तकनीक का उपयोग करना चाहिए।

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