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कश्मीर में शहीद सैनिक की अंतिम विदाई में उमड़े हजारों लोग, जनरल विपिन रावत भी हुए शामिल

अनंतनाग के पंचपोरा गांव के रहने वाले मोहिउद्दीन 20 साल की उम्र में साल 2002 में जम्मू कश्मीर लाइट इंफेंट्री रेजीमेंट में भर्ती हुए थे।

Updated on: 25 Feb 2017, 08:25 AM

नई दिल्ली:

पिछले कई महीनों से तनाव और अलगावादियों की करतूतों के लिए सुर्खियों में रहे कश्मीर में शुक्रवार को एक नया दृश्य देखने को मिला। देश के लिए जान देने वाले एक जवान की अंतिम विदाई में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया।

दरअसल, सेना के लांस नायक गुलाम मोहिउद्दीन राठेर सहित दो और जवान बुधवार देर रात उस वक्त शहीद हो गए जब आतंकियों ने शोपिंया में घात लगाकर हमला किया था। जब राठेर का शव उनके पैतृक गांव अनंतनाग के पंचपोरा पहुंचा तो हजारों लोग श्रद्धांजलि देने पहुंचे। 35 साल के राठेर के पैर में छह गोलियां लगी थी लेकिन खून ज्यादा बहने के कारण उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।

अनंतनाग के पंचपोरा गांव के रहने वाले मोहिउद्दीन 20 साल की उम्र में साल 2002 में जम्मू कश्मीर लाइट इंफेंट्री रेजीमेंट में भर्ती हुए थे। वे अपने पीछे पत्नी और एक साल का बेटा छोड़ गए हैं। उनके पिता मानसिक रोगी हैं और मां कैंसर की मरीज हैं। मोहिउद्दीन अपने परिवार में इकलौते कमाने वाले थे।

सेना के जवान के लिए उमड़ी इतनी भीड़ को देखकर किसी को यकीन नहीं हो रहा था। सेना के अधिकारियों ने बताया कि मोहिउद्दीन ने सेना की परंपरा को अतिम सांस तक निभाया और ऐसे जवान पर हमें गर्व है। यही वजह है श्रीनगर में हुए शहीद के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत भी शामिल हुए।

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