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तेलंगाना: विधानसभा भंग करने के बाद बोले पूर्व सीएम के चंद्रेशखर राव, हम कांग्रेस या दिल्ली के गुलाम नहीं

तेलंगाना के सीएम रहे के चंद्रशेखर राव ने अपना कार्यकाल खत्म होने से ठीक एक साल पहले ही राज्य विधानसभा को भंग कर दिया और अपना इस्तीफा भी राज्यपाल को सौंप दिया।

Updated on: 06 Sep 2018, 05:13 PM

नई दिल्ली:

तेलंगाना के सीएम रहे के चंद्रशेखर राव ने अपना कार्यकाल खत्म होने से ठीक एक साल पहले ही राज्य विधानसभा को भंग कर दिया और अपना इस्तीफा भी राज्यपाल को सौंप दिया। मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने इससे पहले कैबिनेट के फैसले से राज्यपाल को अवगत करा दिया था। हालांकि तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (टीआरएस) सरकार का कार्यकाल मई 2019 तक का था लेकिन मुख्यमंत्री इस साल के अंत में चार राज्यों में होने वाले चुनाव के साथ ही यहां भी चुनाव कराना चाहते हैं इसलिए उन्होंने विधानसभा भंग करने का फैसला लिया। विधानसभा भंग करने के साथ ही टीआरएस प्रमुख चंद्रशेखर राव ने चुनाव के लिए 105 उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी। 

सीएम पद से इस्तीफा देने और विधानसभा भंग करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में के चंद्रशेखर राव ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी को कांग्रेस की सल्तनत विरासत में मिली है। वह दिल्ली के कांग्रेस साम्राज्य के कानूनी उत्तराधिकारी हैं। इसलिए मैं लोगों से अपील करता हूं कि हम दिल्ली में कांग्रेस के गुलाम नहीं बने। तेलंगाना का हर फैसला तेलंगाना में होना चाहिए न कि दल्ली में।'

रावे के इस फैसले के बाद राज्यपाल ने उन्हें कार्वाहक सीएम बने रहने को कहा है। राव के इस फैसले के बाद राज्य की राजनीति अब पूरी तरह से गरमा गई है। मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की बैठक के बाद यह फैसला लिया।

2014 में हुए आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी को 13.68 प्रतिशत वोट मिले थे। बाद में आंध्र प्रदेश दो राज्यों में विभाजित हो गया। एक का नाम आंध्र प्रदेश रहा जबकि दूसरे का नाम तेलंगाना पड़ा।

नए राज्य में टीआरएस के पास बहुमत होने के कारण के चंद्रशेखर राव की पार्टी की सरकार बनी और वह राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने थे। 

हाल ही में उन्होंने एक विशाल रैली को संबोधित किया था। कयास लगाए जा रहे थे कि वह उसी दौरान घोषणा करेंगे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया था। जिसके बाद राजनीतिक अटकलें तेज हो गई थी।