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वीडियो: जल्लीकट्टू पर अध्यादेश को मंजूरी, मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम रविवार को दिखाएंगे हरी झंडी, सभी मंत्रियों को अपने क्षेत्रों में जल्लीकट्टू के आयोजन का आदेश

चेन्नई के राज्यपाल सी विद्यासागर ने जल्लीकट्टू के आयोजन को लेकर जारी अध्यादेश को लागू कर दिया है। केंद्र सरकार के अध्यादेश को मंजूरी दिए जाने के बाद विद्यासागर राव दोपहर बाद चेन्नई पहुंचे, जहां उन्होंने अध्यादेश को मंजूरी दे दी। राव महाराष्ट्र के गवर्नर हैं और उनके पास तमिलनाडु की भी अतिरिक्त जिम्मेदारी है।

Updated on: 21 Jan 2017, 06:50 PM

highlights

  • चेन्नई के राज्यपाल सी विद्यासागर ने जल्लीकट्टू के आयोजन को लेकर जारी अध्यादेश को लागू कर दिया है
  • रविवार को मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम सुबह दस बजे जल्लीकट्टू के आयोजन को हरी झंडी दिखाएंगे

New Delhi:

चेन्नई के राज्यपाल सी विद्यासागर ने जल्लीकट्टू के आयोजन को लेकर जारी अध्यादेश को लागू कर दिया है। केंद्र सरकार के अध्यादेश को मंजूरी दिए जाने के बाद विद्यासागर राव दोपहर बाद चेन्नई पहुंचे, जहां उन्होंने अध्यादेश को मंजूरी दे दी। राव महाराष्ट्र के गवर्नर हैं और उनके पास तमिलनाडु की भी अतिरिक्त जिम्मेदारी है।

अध्यादेश जारी होने के बाद रविवार को राज्य के मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम जल्लीकट्टू की शुरुआत करेंगे। पोंगल के मौके पर तमिलनाडु में जल्लीकट्टू का आयोजन किया जाता है जो पारंपरिक खेल महोत्सव है।

सुप्रीम कोर्ट के जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद राज्य में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा था। चेन्नई के मरीना बीच पर लाखों की संख्या में छात्र और युवा केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।

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सुप्रीम कोर्ट के बैन के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री जल्लीकट्टू के आयोजन को लेकर अध्यादेश को जारी किए जाने की मांग के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे लेकिन पीएम ने मामले के सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने का हवाला देते हुए कोई अध्यादेश लाए जाने से मना कर दिया था।

हालांकि पीएम ने कहा था कि अगर राज्य सरकार इस मामले में कोई कानूनी कदम उठाती है तो केंद्र सरकार उसका समर्थन करेगा। इसके बाद देश के अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा था कि राज्य सरकार अगर चाहे तो इस मामले में वह अध्यादेश ला सकती है।

रोहतगी ने कहा था कि खेल पूर्ण रुप से राज्य के क्षेत्राधिकार में आता है, इसलिए इसमें केंद्र किसी तरह का दखल नहीं दे सकता। इसके बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने राज्य के कानूनी सलाहकारों से विचार-विमर्श कर केंद्र सरकार को अध्यादेश भेजा, जिसे सरकार ने मंजूर कर लिया।

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तमिलनाडु सरकार इस अध्यादेश को 23 जनवरी को विधानसभा में पेश करेगी। 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने पोंगल के मौके पर पारंपरिक बुल फाइट पर प्रतिबंध लगा दिया था। बाद में केंद्र सरकार ने कुछ शर्तों के साथ इसे आयोजित किए जाने को लेकर ढील देते हुए नोटिफिकेशन जारी किया था लेकिन पीटा और अन्य एनजीओ की तरफ से चुनौती दिए जाने पर कोर्ट ने इस अधिसूचना को खारिज कर दिया था।

इससे पहले जल्लीकट्टू के आयोजन को लेकर केंद्र सरकार द्वारा तमिलनाडु सरकार के अध्यादेश को मंजूरी देने के एक दिन बाद ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के सांसदों ने शनिवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की थी। लोकसभा के उपाध्यक्ष एम.थंबीदुरई ने कहा, 'हमने राष्ट्रपति से तमिलनाडु में जल्द से जल्द जल्लीकट्टू का आयोजन कराने का अनुरोध किया।'

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