कौन हैं DMK प्रमुख करुणानिधि, कभी हारे नहीं हैं चुनाव, 14 की उम्र में छोड़ा था घर
पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रविड़ मुनेत्र कडगम (DMK) अध्यक्ष एम. करुणानिधि दक्षिण भारत की राजनीति का वो महत्वपूर्ण चेहरा हैं जिनके समर्थन से केंद्र की कई सरकारें चली हैं।
नई दिल्ली:
पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रविड़ मुनेत्र कडगम (DMK) अध्यक्ष एम. करुणानिधि दक्षिण भारत की राजनीति का वो महत्वपूर्ण चेहरा हैं जिनके समर्थन से केंद्र की कई सरकारें चली हैं। पहली बार 1969 में करुणानिधि ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। तब से लेकर वो कभी सत्ता में रहे तो कभी विपक्ष में, लेकिन उन्होंने हमेशा अपनी प्रभावी राजनेता की छवि को बरकरार रहा। करुणानिधि ने 2003 में आखिरी बार तमिलनाडु के सीएम पद की शपथ ली थी।
करुणानिधि का शुरुआती जीवन
अपने 60 साल के राजनीतिक करियर में करुणानिधि 12 बार विधानसभा सदस्य रहे हैं। अभी तक वह जिस भी सीट पर चुनाव लड़े हैं, उन्होंने हमेशा जीत दर्ज की है। उनके समर्थक उन्हें प्यार से 'कलाईनार' कहकर बुलाते हैं।
करुणानिधि के बचपन का नाम दक्षिणमूर्ति था। 1924 में थिरुक्कुवालाई गांव में जन्में करुणानिधि के घर को वर्तमान में म्यूज़ियम में बदल दिया गया है। इस घर में पोप से लेकर इंदिरा गांधी तक के साथ उनकी तस्वीरें लगी हैं।
एक सफल लेखक, कवि, विचारक और वक्ता कलैगनार एम. करुणानिधि भारत के वरिष्ठतम नेताओं में से एक हैं।
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करुणानिधि का राजनीतिक जीवन
उन्होंने 14 साल की उम्र में पढ़ाई छोड़ दी थी और राजनीतिक सफर पर निकल पड़े थे। 1937 में जब स्कूलों में हिन्दी को अनिवार्य कर दिया गया था तब दक्षिण भारत में हिंदी विरोध पर मुखर होते हुए करुणानिधि ने भी 'हिंदी-हटाओ आंदोलन' में भाग लिया था। इसके बाद उन्होंने तमिल भाषा को अपना हथियार बनाया और तमिल में ही नाटक, अखबार और फिल्मों के लिए स्क्रिप्ट लिखने लगे।
तमिल भाषा के प्रति उनका प्यार देखते हुए पेरियार और अन्नादुराई ने उन्हें 'कुदियारासु' का संपादक बना दिया। हालांकि जब पेरियार और अन्नादुराई के बीच मतभेद पैदा हुआ तो करुणानिधि ने अन्नादुराई के साथ चुना।
1957 में हुए चुनाव में वो पहली बार विधायक चुने गए। 1967 के चुनावों में पार्टी ने बहुमत हासिल किया और अन्नादुराई तमिलनाडु के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री बने।
तमिलनाडु में डीएमके के सत्ता में आने के बाद कांग्रेस आज तक वहां एक सहयोगी से ज्यादा का अस्तित्व नहीं बना पाई है।
करुणानिधि का पारिवारिक जीवन
करुणानिधि ने अपने जीवन में तीन शादियां की, जिसमें उनकी पहली पत्नी का नाम पद्मावती, दूसरी पत्नी का नाम दयालु अम्माल और तीसरी पत्नी का नाम रजति अम्माल हैं। पद्मावती का निधन हो चुका है, जबकि दयालु और रजती जीवित हैं।
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क्यों थे विवादित
डीएमके प्रमुख ने हिन्दुओं के आराध्य भगवान श्रीराम के अस्तित्व पर सवाल उठाते हुए कहा था कि , 'लोग कहते हैं कि 17 लाख साल पहले कोई शख्स था, जिसका नाम राम था। कौन हैं वो राम? वो किस इंजीनियरिंग कॉलेज से ग्रेजुएट थे? क्या इस बात का कोई सबूत है कि सेतुसमुद्रम का निर्माण उसी ने कराया था?'
उनके इस बयान के बाद खासा बवाल हुआ था और लोगों ने उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया था।
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करुणानिधि की वर्तमान हालत
द्रविड़ मुनेत्र कडगम (DMK) अध्यक्ष एम. करुणानिधि के स्वास्थ्य खराब के चलते उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। कावेरी अस्पताल के कई डॉक्टर उनका उपचार करने में जुटे हैं। अस्पताल के बयान के अनुसार, 'करुणानिधि की स्थिति में लगातार गिरावट हो रही है। उम्र संबंधी बीमारी की वजह से उनके महत्वपूर्ण अंगों के काम करने लायक बनाए रखना लगतार चुनौती बनी हुई है।'
93 वर्षीय करुणानिधि को बढ़े रक्तचाप के चलते 28 जुलाई को कावेरी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
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