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तूतीकोरिन में 13 लोगों की मौत, सीएम ने की शांति की अपील, ठहराया विपक्ष और असामाजिक तत्व को जिम्मेदार

तमिलनाडु के तूतीकोरिन में स्टरलाइट फैक्ट्री के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस गोलीबारी में एक शख्स घायल हो गया, जिसकी बाद में मौत हो गई, जिससे मरने वालों की संख्या अब 13 हो गई है।

Updated on: 24 May 2018, 08:07 PM

नई दिल्ली:

तमिलनाडु के तूतीकोरिन में स्टरलाइट फैक्ट्री के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस गोलीबारी में एक शख्स घायल हो गया, जिसकी बाद में मौत हो गई, जिससे मरने वालों की संख्या अब 13 हो गई है।

इधर राज्य के मुख्यमंत्री ई पलानीसामी ने कुछ राजनीतिक पार्टियों और असामाजिक तत्वों पर निर्दोष लोगों को 'जानबूझकर कर उत्तेजित करने और बहकाने' का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कानून के प्रावधानों के तहत स्टरलाइट कॉपर स्मेल्टर प्लांट को बंद करने के लिए कदम उठाती रहेगी। साथ ही कहा कि प्लांट को दी जा रही बिजली गुरुवार को रोक दी गई।

पुलिस फायरिंग में घायल हुए सेलवासेकर की जिला अस्पताल में गंभीर चोटों के कारण इलाज के दौरान मौत हो गई।

उन्होंने किसी पार्टी का नाम लिए बिना कहा, 'कुछ राजनीतिक पार्टियों और असामाजिक तत्वों ने जानबूझकर निर्दोष लोगों को भड़काया जो शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे और उन्हें गलत रास्ते पर ले गए, जिस वजह से यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई।'

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उन्होंने पुलिस की कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा, 'यह स्वभाविक है कि जब कोई किसी पर हमला करेगा तो वह अपना बचाव करेगा और यह कार्रवाई पहले से नियोजित नहीं थी। पुलिस ने पहले आंसूगैस के गोले छोड़े, लाठीचार्ज किया और जब डिस्ट्रिक्ट क्लेक्ट्रेट के पास उनलोगों ने वाहनों को जलाना, प्लांट में आवासीय क्वाटर्स व डिस्ट्रिक्ट क्लेक्ट्रेट में तोड़-फोड़ शुरू कर दी, तब उन पर गोली चलाई गई।'

उन्होंने कहा कि पुलिस प्राय: सुरक्षात्मक (प्रिवेंटिव) गिरफ्तारी करती है, लेकिन इस बार शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बदले अचानक हिंसा शुरू हो गई। प्रदर्शनकारी पहले 16 बार जिला अधिकारियों से मुलाकात कर चुके हैं और उनकी शिकायतें सुनी गई थीं।

मुख्यमंत्री ने कहा, 'हम लोगों की मौत के लिए गहरी संवेदना और दुख प्रकट करते हैं।'

लोगों से शांति की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि तूतीकोरिन में जनजीवन सामान्य करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।

आपने इस मुद्दे पर विपक्षी नेता एम.के. स्टालिन से मिलने से क्यों इनकार कर दिया? इस सवाल पर उन्होंने स्टालिन पर सचिवालय के बाहर उनकी उपस्थिति में धरने का 'ड्रामा' करने का आरोप लगाया।

तूतीकोरिन में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने नहीं जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि धारा 144 लगा दी गई है, लोगों को प्रदर्शन और जुलूस नहीं निकालकर कानून का सम्मान करना चाहिए।

उन्होंने कहा, 'हमारी पहली प्राथमिकता जनजीवन को पटरी पर लौटाने की है।'

स्टरलाइट प्लांट के संचालन के मुद्दे पर पलनीस्वामी ने कहा कि अम्मा (दिवंगत मुख्यमंत्री जे.जयललिता) ने वर्ष 2013 में स्टरलाइट प्लांट को बंद करने का निर्देश दिया था, लेकिन कंपनी ने उस निर्देश के खिलाफ राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में अपील की थी, जिसने कुछ शर्ता के साथ कंपनी को संचालन का आदेश दिया था।

इस संबंध में मामला सर्वोच्च न्यायालय में चल रहा है और तमिलनाडु के वकील मजबूती से अपना पक्ष रख रहे हैं।

राज्य भर में पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन के कारण गुरुवार को लोग अपने घरों में रहे और दुकानें बंद रखी गईं, जिससे तूतीकोरिन में सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा। इरोड, रामनाथपुरम और तिरुवरुर जैसे जिलों में प्रदर्शन जारी है।

तूतीकोरिन में पुलिस ने सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को समूह बनाने से रोकने के लिए गश्त तेज की, जबकि जिले और आसपास के इलाकों में इंटरनेट सेवा को रद्द कर दिया गया है।

स्टरलाइट तांबा संयंत्र को बंद करने की मांग करते हुए पड़ोसी गांवों के लोगों पर पुलिस ने मंगलवार को गोलियां चलाई थीं, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई थी। ग्रामीणों का कहना था कि यह कृषि भूमि को नष्ट कर रहा है और इलाके में स्वास्थ्य सेवाओं को खराब कर रहा है।

बुधवार को एक अन्य शख्स की मौत हो गई थी जबकि सैकड़ों घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

कंपनी ने कहा कि वह आदेश आने के बाद अगला कदम तय करेगी।

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