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आज बहुमत साबित करेंगे तमिलनाडु के सीएम पलानीसामी, पन्नीरसेल्वम ने की गुप्त मतदान की मांग

तमिलनाडु के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री पलानीसामी का मुख्यमंत्री बने रहना तय माना जा रहा है। शनिवार को शशिकला के करीबी पलानीसामी विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे।

Updated on: 18 Feb 2017, 12:20 AM

highlights

  • तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीसामी शनिवार को विधानसभा में साबित करेंगे बहुमत
  • AIADMK के बागी नेता पन्नीरसेल्वम ने विधानसभा में गुप्त मतदान की मांग की
  • शशिकला के करीबी पलानीसामी ने गुरुवार को ली थी सीएम पद की शपथ

नई दिल्ली:

तमिलनाडु के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री पलानीसामी का मुख्यमंत्री बने रहना तय माना जा रहा है। शनिवार को शशिकला के करीबी पलानीसामी विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे। मुख्यमंत्री का दावा है कि उनके पास 125 विधायकों का समर्थन है। गुरुवार को शशिकला गुट के ई.के.पलानीसामी ने 30 मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। राज्यपाल सी विद्यासागर सरकार को बहुमत साबित करने के लिए 30 दिनों का समय दिया था।

विधानसभा में वोटिंग से पहले पूर्व मुख्यमंत्री और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के बागी नेता पन्नीरसेल्वम ने गुप्त मतदान की मांग की है।

क्या है विधानसभा का समीकरण
तमिलनाडु विधानसभा में 234 सीट है। जिसमें से 134 विधायक एआईएडीएमके के हैं। जबकि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के पास 89, कांग्रेस के पास आठ, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के पास एक विधायक हैं। एक सीट खाली है। पन्नीरसेल्वम को 134 विधायकों में से 10 खुलकर समर्थन दे रहे हैं।

एआईएडीएमके के एक नेता ने पहचान जाहिर ना करने की शर्त पर कहा, 'अगर विश्वास प्रस्ताव ध्वनि मत के माध्यम से होता है, तो विधायक तेज आवाज में अपना फैसला सुनाएंगे।'

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उन्होंने कहा कि वहीं, अगर विश्वास प्रस्ताव गुप्त मतदान के माध्यम से होता है, तो व्हिप जारी किया जाएगा। ऐसे में पन्नीरसेल्वम गुट के समक्ष यह मुद्दा होगा कि वे व्हिप का पालन करें या उसे अस्वीकार कर दें।

एआईएडीएमके नेता ने कहा, 'अगर वे व्हिप का पालन नहीं करते हैं, तो दल-बदल विरोधी कानून के तहत उन्हें अयोग्य करार दिया जाए या नहीं, इस पर विचार किया जाना चाहिए।'

पलनीसामी ने कहा, 'विधायक किसके पक्ष में मतदान करेंगे, इसके लिए पार्टी व्हिप को नेता से आदेश लेना पड़ेगा। एआईएडीएमके के मामले में महासचिव के रूप में शशिकला की नियुक्ति ही विवाद में है और इसलिए उनके द्वारा की गई नियुक्तियां भी। इसलिए किसी भी विधायक को अयोग्य ठहराने से पहले इस सवाल का समाधान करना पड़ेगा।'

शशिकला ने हाल में पन्नीरसेल्वम तथा के. पांडियाराजन को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त कर दिया था और दोनों ही दल-बदल विरोधी कानून के दायरे से बाहर हैं।

एआईएडीएमके के एक नेता ने कहा कि अगर भारी संख्या में क्रॉस वोटिंग होती है (यानी पलानीसामी का समर्थन करने वाले विधानसभा में उनके खिलाफ मत देते हैं), तो पूरा माहौल ही बदल जाएगा।

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पन्नीरसेल्वम गुट के सांसदों ने गुरुवार को निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और पार्टी महासचिव के रूप में शशिकला की नियुक्ति को अमान्य ठहराने की मांग की। जिसके बाद चुनाव आयोग ने शशिकला को नोटिस भेजा है।

(इनपुट IANS से भी)