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महाराष्ट्र: वाशिम में बच्चों को दूध पिलाकर किसानों ने किया प्रदर्शन, सब्सिडी देने की कर रहे मांग

एसएसएस और महाराष्ट्र किसान सभा (एमकेएस) के नेतृत्व में किसान समूह दूध पर पांच रुपये प्रति लीटर सब्सिडी व मक्खन व दूध पाउडर पर वस्तु एवं सेवा कर में छूट की मांग को लेकर सोमवार से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

Updated on: 19 Jul 2018, 05:41 PM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र के वाशिम में स्वाभिमानी शेतकारी संघटना (एसएसएस) ने दूध पर सब्सिडी देने की मांग को लेकर अनूठे तरह से प्रदर्शन किया। एसएसएस के कार्यकर्ताओं ने घूम-घूम कर बच्चों को दूध पिलाया।

बता दें कि एसएसएस और महाराष्ट्र किसान सभा (एमकेएस) के नेतृत्व में किसान समूह दूध पर पांच रुपये प्रति लीटर सब्सिडी व मक्खन व दूध पाउडर पर वस्तु एवं सेवा कर में छूट की मांग को लेकर सोमवार से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

सोमवार को लाखों लीटर दूध से लदे टैंकरों को पुणे, नासिक, कोल्हापुर, सांगली, बीड, पालघर, बुलढाणा, औरंगाबाद व सोलापुर के रास्तों में रोका गया और उन्हें सड़कों पर खाली कर दिया गया, जबकि एक टैंकर में अमरावती के निकट आग लगा दी गई थी।

ऐसे में किसान संगठनों द्वारा इस तरह के विरोध प्रदर्शन को लेकर इलाक़े में काफी चर्चा हो रही है।

एसएसएस अध्यक्ष और सांसद राजू शेट्टी ने मीडिया से कहा, 'राज्य सरकार ने 27 रुपये प्रति लीटर की खरीद कीमत तय की है, लेकिन किसानों को केवल 17 रुपये प्रति लीटर मिलते हैं। हम गोवा, कर्नाटक और केरल की तरह किसानों के लिए पांच रुपये की प्रत्यक्ष सब्सिडी की मांग कर रहे हैं।'

शेट्टी ने मीडिया से कहा, 'स्कीम्ड दूध पाउडर की कीमत में गिरावट के साथ दुग्ध सहकारी समितियों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।'

वहीं एमकेएस अध्यक्ष अजीत नवले ने कहा कि सरकार के दूध पाउडर पर 50 रुपये प्रति किलोग्रा की सब्सिडी की घोषणा से किसानों को फायदा नहीं होगा, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में दूध पाउडर की कीमतें गिर गईं, लेकिन इसका फायदा निजी कंपनियों को हो रहा है, जो इसे पाउडर में बदलती हैं।

इस मुद्दे को महाराष्ट्र विधानसभा में नागपुर में उठाया गया। इस पर पशुपालन व डेयरी विकास मंत्री महादेव जानकर ने भरोसा दिया कि शहरों को दूध की कमी नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि मुंबई में 15 दिनों के पर्याप्त भंडार हैं। मुंबई को हर रोज सात लाख लीटर ताजा दूध की आवश्यकता होती है। ज्यादातर शहरी केंद्रों में एक करोड़ लीटर की खपत होती है।

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