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कपड़े पर GST के विरोध में सूरत में कारोबारियों ने निकाला 'मूक मार्च', लाखों लोग हुए शामिल

सूरत में जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) के विरोध में कारोबारियों का आंदोलन और प्रदर्शन रुकने का नाम नहीं ले रहा है।

Updated on: 14 Jul 2017, 08:28 PM

highlights

  • सूरत में जीएसटी के खिलाफ कपड़ा व्यापारियों का बड़ा प्रदर्शन
  • मूक प्रदर्शन में करीब 1 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए

नई दिल्ली:

सूरत में जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) के विरोध में कारोबारियों का आंदोलन और प्रदर्शन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। जीएसटी के लागू होने के बाद 1 जुलाई से ही इसके विरोध में धरने पर बैठे ज्यादातर कपड़ा कारोबारियों ने आज सूरत में जीएसटी के खिलाफ मूक मार्च (बिना बोले) निकाला।

सूरत के कपड़ा कारोबारी जीएसटी में कपड़े पर लगने वाले 5 फीसदी जीएसटी का विरोध कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी कारोबारियों ने सूरत के मुख्य कपड़ा मार्केट से 3 किलोमीटर लंबा मार्च निकाला। सरकार के फैसले के विरोध में सभी व्यापारियों ने अपने हाथ पर काली पट्टी भी बांध रखी थी।

कारोबारियों के इस मार्च में करीब एक लाख से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। जीएसटी संघर्ष समिति के संयोजक गौरव श्रीमाली ने कहा, 'ये प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक केंद्र सरकार कपड़े पर लगने वाले 5 प्रतिशत जीएसटी को वापस नहीं ले लेती है। गौरतलब है कि सूरत कपड़ा उत्पादन में देश के कुछ बड़े शहरों में से एक है।'

आंदोलन के संयोजक गौरव श्रीमाली ने कहा, 'हमें जीएसटी के लागू होने से कोई दिक्कत नहीं है लेकिन सरकार ने कपड़े पर जो जीएसटी लगाया है उससे हमारे लागत में बढ़ोतरी होगी और हमें आर्थिक मुश्किलों का सामना होगी।'

प्रदर्शन के दौरान जीएसटी के विरोध में कारोबारी 'तख्तियों पर जीएसटी हटाओ व्यापार बचाओ' जैसे नारे लिखकर बिना बोले मार्च निकाला। वहीं कारोबारियों के धरने से लकर कपड़ा फैक्ट्री में काम कर रहे मजदूरों की दिक्कतों को लेकर आंदोलन के संयोजक गौरव श्रीमाली ने कहा, 'सोमवार से हम फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों को भोजन उपलब्ध कराएंगे लेकिन ये आंदोलन चलता रहेगा।'