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आधार से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई के लिए SC ने बनाया संवैधानिक बेंच

आधार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए ममता सरकार के रुख से नाराजगी जताई।

Updated on: 30 Oct 2017, 07:30 PM

highlights

  • आधार लिंकिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट (SC) ने सरकार और देश की सभी मोबाइल कंपनियों को नोटिस जारी किया
  • कोर्ट ने इस याचिका की सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल की ममता सरकार के रूख को लकेर नाराजगी जताई

नई दिल्ली:

'आधार' की अनिवार्यता के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पांच जजों की संवैधानिक बेंच गठित करने का फैसला लिया है।

संवैधानिक बेंच नवंबर के पिछले सप्ताह से दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई करेगा, जिसमें कल्याणकारी योजनाओं में लाभ के लिए सरकार के आधार अनिवार्यता के खिलाफ चुनौती दी गई थी।

वहीं मोबाइल को आधार से लिंक कराए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (SC) ने सरकार और देश की सभी मोबाइल कंपनियों को नोटिस जारी किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए ममता सरकार के रुख से नाराजगी जताई।

कोर्ट ने कहा, 'कोई राज्य संसद से पारित कानून का उल्लंघन कैसे कर सकता है?' ममता सरकार ने आधार लिंक अनिवार्यता के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट याचिका दायर की थी। 

कोर्ट ने कहा, 'कोई राज्य कैसे केंद्र के फैसले को चुनौती दे सकता है। अगर ममता बनर्जी को इस प्रक्रिया से दिक्कत है तो उन्हें एक नागरिक की तरह याचिका दाखिल करनी चाहिए।'

कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के वकील को राज्य सरकार की याचिका में जरूरी सुधार करने के लिए 4 हफ्तों का वक्त दिया है।

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गौरतलब है कि ममता बनर्जी ने मोबाइल से आधार को लिंक किए जाने के फैसले पर कहा था कि अगर उनका कनेक्शन काट भी दिया गया तो भी वह मोबाइल कंपनी को अपना आधार नंबर नहीं देंगी।

उन्होंने कहा, 'यह लोगों की निजता में दखल देने की केंद्र सरकार की रणनीति है। मुझे लगता है कि हमें मोबाइल कंपनियों को आधार नंबर नहीं देना चाहिए।'

गौरतलब है कि सरकार की सामाजिक कल्याण से जुड़ी योजनाओं का लाभ लेने के लिये आधार अनिवार्य करने की समय सीमा 31 दिसंबर 2017 से बढ़ाकर 31 मार्च 2018 कर दी गई है।

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