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सुप्रीम कोर्ट ने Whatsapp को भेजा नोटिस, शिकायत अधिकारी नियुक्ति पर 4 हफ्ते के अंदर जवाब देने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और वित्त मंत्रालय को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है और उनसे 4 हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा है।

Updated on: 27 Aug 2018, 02:20 PM

नई दिल्ली:

फेक फार्वर्ड मेसेजेस पर लगाम लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करते हुए Whats app को कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर WhatsApp से 4 हफ्तों के भीतर जवाब देने को कहा है कि आखिर क्यों उसने भारत में अब तक शिकायत अधिकारी की नियुक्ति नहीं की है। सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद Whats app की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही है।

गौरतलब है कि एक हफ्ते पहले केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए Whats App से एक शिकायत अधिकारी नियुक्त करने के लिए कहा था, लेकिन जब एक हफ्ते बाद भी कोई नियुक्ति नहीं की गई तो सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए Whats app को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है।

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सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और वित्त मंत्रालय को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है और उनसे 4 हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा है।

उल्लेखनीय है कि रविशंकर प्रसाद ने Whats App प्रमुख क्रिस डेनियल्स से 21 अगस्त को इसी सिलसिले में मुलाकात की थी। केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि वॉट्सऐप पर मॉब लिचिंग और फेक न्यूज को रोकने की सख्त जरूरत है, ऐसे में कंपनी को इन चीजों पर लगाम लगाने के लिए समाधान ढूंढ़ना होगा।

और पढ़ें: फेक फॉरवर्ड मेसेज: सरकारी नोटिस के बाद Whats App ने यूजर्स को चेताया, बचने के लिए दिए 10 टिप्स

डेनियल ने तब आश्वासन दिया था कि कंपनी जल्द ही इनका पालन करेगी और फेक न्यूज से निपटने के लिए वो एक प्रणाली विकसित करेंगे। लेकिन जब एक हफ्ते के भीतर कंपनी की तरफ से कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया तो सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी कर दिया।

इससे पहले कंपनी ने आधिकारिक तौर पर विज्ञापन जारी कर 10 सूचनाएं प्रकाशित कर फेक फॉरवर्ड मेसेज से बचने की सलाह दी है।

बता दें कि व्हाटसएप पर फेक मेसेजस के चलते देश भर में कई जगह मॉब लिंचिग के मामले सामने आए जिसमें कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।