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सुप्रीम कोर्ट में बाल सुरक्षा पर महिला वकीलों ने लगाई याचिका, स्कूलों के लिए गाइड लाइंस बनाने की मांग

सुप्रीम कोर्ट ने स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए महिला वकीलों की याचिका को स्वीकार कर लिया है। अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी।

Updated on: 12 Sep 2017, 03:29 PM

नई दिल्ली:

गुरुग्राम के रायन इंटरनेशनल स्कूल में हुई 7 साल के बच्चे प्रद्युमन की हत्या के बाद सुप्रीम कोर्ट में दो महिला वकीलों की स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए देश के स्कूलों में गाइडलाइन बनाने की याचिका स्वीकार कर ली है और अब अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी।

जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस अमित्वा रॉय और ए एम खानविलकर ने कहा कि अदालत इस याचिका की ही तरह, रायन स्कूल में मारे गए बच्चे के पिता ने भी दायर की है। इसीलिए यह विषय पहले ही कोर्ट में विचाराधीन है।

बेंच ने कहा कि ज़रुरत पड़ी तो हम दोनों याचिकाओं को सम्मिलित करेंगे। बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को अपील को व्यवस्थित करने को कहा है। यह याचिकाएं उच्चतम न्यायालय में प्रैक्टिस कर रही दो महिला वकीलों आभा शर्मा और संगीता भारती ने दायर की थीं।

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याचिकाओं में वकीलों ने देश के सभी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के संबंध में गाइडलाइन बनाने की गुहार लगाई है। याचिका में गुहार लगाई गई है कि यह दिशानिर्देश तभी से लागू कराएं जाएं जब बच्चा स्कूल बस में एंट्री करता है। 

इससे पहले सोमवार को कोर्ट ने केंद्र, हरियाणा पुलिस और सेंट्रल बोर्ड ऑफ एजुकेशन को सीबीआई जांच के लिए दायर पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस इश्यू किया था।

गौरतलब है कि रायन इंटरनेश्नल स्कूल में क्लास 2 के छात्र की गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद देश भर में इस घटना के प्रति रोष उत्पन्न हो गया। मृतक बच्चे के पिता प्रद्युमन ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई से जांच कराने और बच्चों की सुरक्षा के लिए गाइडलाइन बनाने की मांग की है। 

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