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CJI दीपक मिश्रा अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल कर रहे: प्रशांत भूषण

सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार हो रहा है शुक्रवार को चार जजों ने प्रेस कांफ्रेंस की। प्रेस कांफ्रेंस में जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसफ मौजूद थे।

Updated on: 12 Jan 2018, 03:57 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार हो रहा है शुक्रवार को चार जजों ने प्रेस कांफ्रेंस की। प्रेस कांफ्रेंस में जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसफ मौजूद थे।

सुप्रीम कोर्ट के जजों ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पर सवाल उठाते हुए कहा कि CJI को सुधारात्मक कदम उठाने के लिए कई बार मनाने की कोशिश की गई, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे प्रयास विफल रहे। उन्‍होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में प्रशासन सही से नहीं चल रहा है।

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# जरूर गंभीर कारण रहे होंगे कि उन्हें प्रेस कांफ्रेंस करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं रहा। लेकिन इसका जस्टिस लोया से क्या संबंध हैं मैं नहीं जानता, ऐसे में मैं कुछ कह नहीं सकता: मुकुल मुद्गल, पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज 

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# ये एक ऐतिहासिक प्रेस कांफ्रेंस थी। देश के लोगों को पता होना चाहिये कि सुप्रीम कोर्ट में क्या चल रहा है: इंदिरा जयसिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता

ये निश्चित तौर पर गंभीर मामला है इससे चीफ जस्टिस की छवि पर धब्बा लगा है। किसी न किसी को इस पर बोलना था, चीफ जस्टिस अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।

वे ऐसे ही नहीं बोल रहे उन्हें पैसे कमाना होता तो वो जज नहीं बनते। हमें उनका सम्मान करना चाहिये। प्रधानमंत्री को कोशिश करनी चाहिये कि चारों जज और चीफ जस्टिस और पूरी सुप्रीम कोर्ट एक सुर में बात करें: स्वामी 

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सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज पीबी सावंत ने कहा कि इस तरह से प्रेस कांफ्रेंस पहली बार हुआ है। जाहिर है कि अगर ये जज ऐसा कर रहे हैं तो जरूर गहरे मतभेद रहे होंगे। 

कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील ने इसे दुखद करार दिया है और कहा है कि देश की सबसे बड़ी अदालत के जजों को मजबूर होना पड़ा है इस तरह की प्रेस कांफ्रेंस करने के लिये। 

बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, 'जब देश के हित खतरे में हों तो सामान्य नियमों को नहीं लागू किया जा सकता है।'

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सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग लगाए जाने के सवाल पर जस्टिस जे चेलमेश्वर ने कहा कि यह देश तय करे।

जस्टिस लोया के मौत की जांच के मामले की सुनवाई को लेकर पूछे गए एक सवाल पर कि क्या ये मामला सुनवाई करने वाली बेंच को लेकर उठे विवाद पर नाराज़गी है तो जस्टिस गोगोई ने कहा, 'हां।' 

चारों जजों ने चीफ जस्टिस को 7 पन्नों का एक पत्र लिखा है। जिसमें अपनी शिकायतें दर्ज की हैं।

जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा, 'हम चारों इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि जबतक कि इस संस्था को संरक्षित किया जाता है, समभाव को बनाए रखा जाता है तो देश का या किसी भी देश के लोकतंत्र की रक्षा हो सकेगी।