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सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म 'मुजफ्फरनगर द बर्निंग लव' पर बैन मामले में यूपी सरकार से मांगा जवाब

मुजफ्फरनगर में हुए दंगों को लेकर बनी फिल्म 'मुजफ्फरनगर द बर्निंग लव' के निर्माता की याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर-प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया है।

Updated on: 01 Dec 2017, 04:08 PM

नई दिल्ली:

मुजफ्फरनगर में हुए दंगों को लेकर बनी फिल्म 'मुजफ्फरनगर द बर्निंग लव' के निर्माता की याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर-प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया है।

दंगों के दौरान हिंदू युवक और मुस्लिम युवती के प्रेम पर आधारित इस फिल्म को 17 नवंबर को देशभर में रिलीज किया गया।

आपको बता दें कि कानून व्यवस्था को देखते हुए इस फिल्म को उत्तर प्रदेश के कई जिलों मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, गाजियाबाद, मेरठ और उत्तराखंड के हरिद्वार के रूडकी में प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी है।

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वहीं इस फिल्म को बिजनौर में पहले शो के बाद सिनेमाघरों में रोक दिया गया।अब निर्माताओं ने सुप्रीम कोर्ट से इन इलाकों में फिल्म को रिलीज कराने की गुहार लगाई है।

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि मोरना इंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बनाई गई इस फिल्म को 14 जुलाई को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) से सर्टिफिकेट मिल गया था और 17 नवंबर को देशभर में इसे रिलीज किया गया।

लेकिन यूपी के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन के बाद जिला प्रशासन ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी।

फिल्म को जिला अधिकारियों को दिखाने के बावजूद इसे सिनेमाघरों में रिलीज नहीं करने दिया गया। याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री से लेकर जिला अधिकारी तक से गुहार लगाई गई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

निर्माताओं का कहना है कि सरकार का यह फैसला संविधान द्वारा दिए गए अभिव्यक्ति की आजादी, जीने और व्यापार करने के मौलिक अधिकार के खिलाफ है। याचिका में 50 लाख रुपये बतौर मुआवजा भी दिलाने की मांग की गई है।

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