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सोज़ के बयान पर सुब्रमण्‍यम स्‍वामी का पलटवार, कहा- मुशर्रफ़ को पसंद करने वाले पाकिस्तान रहें

सोज़ ने गुरुवार को अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा था कि अगर कश्मीरियों के विवेक पर जम्मू-कश्मीर का फ़ैसाला छोड़ा जाए तो वो आज़ाद रहना पसंद करेंगे।

Updated on: 22 Jun 2018, 12:43 PM

नई दिल्ली:

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैफ़ुद्दीन सोज़ के 'कश्मीर को आज़ादी चाहिए' वाले बयान को लेकर राजनीतिक बवाल मच गया है।

बीजेपी नेता और राज्‍य सभा सांसद सुब्रमण्‍यम स्‍वामी ने कांग्रेसी नेता के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि जो भारत के संविधान को मानते हुए यहां रहना चाहते है रहें लेकिन अगर कोई मुशर्रफ़ को पसंद करता है तो उनका पाकिस्तान जाने का वन वे टिकट बना दिया जाएगा।

सुब्रमण्‍यम स्‍वामी ने सोज़ को पुरानी बातें याद दिलाते हुए कहा, 'केंद्रीय मंत्री रहते हुए उन्होंने अपने पद का फ़ायदा उठाया था जब उनकी बेटी को जेकेएलएफ़ (जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट) ने अपहरण कर लिया था। ऐसे लोगों की मदद करने का कोई फ़ायदा नहीं है। जो भारतीय संविधान को मानते हुए भारत में रहना चाबते हैं रहे अन्यथा मुशर्रफ़ को पसंद करने वाले पाकिस्तान जा सकते हैं। उनका वन वे टिकट बनवा दिया जाएगा।'

वहीं शिवसेना ने सोज़ के इस बयान पर कांग्रेस से सफ़ाई देने को कहा है। शिवसेना नेता मनीषा कयांदे ने कहा, 'कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सैफ़ुद्दीन सोज़ के बयान पर अपना रुख़ स्पष्ट करना चाहिए। यदि सोज़ को पाकिस्तान और मुशर्रफ़ से ज़्यादा लगाव है तो उन्हें पाकिस्तान जाकर उनकी नौकरी करनी चाहिए।'

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बता दें कि सोज़ ने गुरुवार को अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा था कि अगर कश्मीरियों के विवेक पर जम्मू-कश्मीर का फ़ैसाला छोड़ा जाए तो वो आज़ाद रहना पसंद करेंगे।

उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ का हवाला देते हुए कहा, 'एक बार मुशर्रफ़ ने कहा था कि यदि कश्मीरियों को अपने विवेक से फ़ैसला लेने को कहा जाए तो वो आज़ाद रहना पसंद करेंगे। मुशर्रफ़ का यह मुल्यांकन आज के दौर में भी काफी प्रासांगिक जान पड़ता है।'

हालांकि बाद में एएनआई से बात करते हुए सोज़ ने कहा, 'मुशर्रफ़ ने कहा था कश्मीरी पाकिस्तान के साथ जुड़ना नहीं चाहेंगे। वो आज़ाद रहना ज़्यादा पसंद करेंगे। यह कथन तब और अब दोनों संदर्भ में सही है। मैने भी यही कहा लेकिन यह संभव नहीं है।'

बता दें कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहते हुए परवेज़ मुशर्रफ़ ने कश्मीरी लोगों के लिए जनमत संग्रह कराने की बात कही थी। इतना ही नहीं मुशर्रफ़ ने कश्मीर से सैनिकों को धीरे-धीरे हटाने का भी सुझाव दिया था।

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