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अपराधों के रिकॉर्ड गायब होने पर योगी सरकार को SC की फटकार, अफसरों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश

उत्तर प्रदेश में अपराधों के रिकॉर्ड गायब होने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया दिखाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर मामला गंभीर अपराध है। ऐसे में आरोपी रिकॉर्ड के अभाव में बचना नहीं चाहिए।

Updated on: 17 Jul 2017, 03:30 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में अपराधों के रिकॉर्ड गायब होने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया दिखाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर मामला गंभीर अपराध है। ऐसे में आरोपी रिकॉर्ड के अभाव में बचना नहीं चाहिए।

यूपी सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट को बताया कि गायब रिकॉर्ड वाले केस 1981-1991 के बीच के हैं। इस दौरान केसों की संख्या 74 से 162 तक हो सकती है। सरकार ने यह भी कहा कि कुछ मामलों में अभी सुनवाई चल रही है।

यूपी सरकार ने कोर्ट के सामने यह भी कहा कि इनमें से कुछ के रिकॉर्ड गायब होने के चलते आरोपी बरी हो चुके हैं। कोर्ट ने कहा कि जिन अधिकारियों की लापरवाही की वजह से रिकॉर्ड गायब हुए हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। कोर्ट ने कहा कि उन्हें सस्पेंड किया जाएगा।

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मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को भी पक्ष बनाया है। कोर्ट ने पूछा है कि किस-किस अधिकारी की कस्टडी से अहम फाइल गायब हुई है। कोर्ट ने कहा कि कोई किसी भी पद पर बैठा अधिकारी क्यों न हो हम एक झटके में उसे निलंबित करेंगे।

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