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भगोड़ा अपराधी अध्यादेश के तहत अदालत ने माल्या को 27 अगस्त को किया तलब

प्रवर्तन निदेशालय ने उक्त अर्जी में माल्या के खिलाफ 9000 करोड़ रूपये से अधिक के बैंक धोखाधड़ी मामले में भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश के तहत कार्रवाई का अनुरोध किया था।

Updated on: 01 Jul 2018, 07:37 AM

नई दिल्ली:

मुम्बई की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक अर्जी पर शराब कारोबारी विजय माल्या को तलब किया और उन्हें 27 अगस्त को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया।

प्रवर्तन निदेशालय ने उक्त अर्जी में माल्या के खिलाफ 9000 करोड़ रूपये से अधिक के बैंक धोखाधड़ी मामले में भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश के तहत कार्रवाई का अनुरोध किया था।

धनशोधन निरोधक कानून (पीएमएलए) मामलों को देखने वाले विशेष न्यायाधीश एम एस आजमी ने माल्या के खिलाफ नोटिस जारी किया।

विशेष न्यायाधीश ने माल्या के खिलाफ उक्त नोटिस प्रवर्तन निदेशालय की ओर से हाल में दायर दूसरे आरोपपत्र और भगोड़ा आर्थिक अपराध टैग की मांग करते हुए उसकी ओर से 22 जून को दायर अर्जी पर संज्ञान लेते हुए जारी किया।

यह पहली बार है जब मोदी सरकार की ओर से भगोड़े बैंक रिण अपराधियों से निपटने के लिए हाल में जारी अध्यादेश के तहत कार्रवाई शुरू की गई है।

अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने माल्या और अन्य भगोड़े आर्थिक अपराधियों की करीब 12500 करोड़ रूपये कीमत की सम्पत्ति तत्काल जब्ती के लिए अनुरोध किया है।

यदि माल्या अदालत के समक्ष पेश नहीं होता है तो उसके लिए यह खतरा होगा कि उसे एक भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा सकता है। इसके अलावा उससे जुड़ी सम्पत्ति भी जब्त की जा सकती है।

अदालत ने इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दर्ज दो मामलों में माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किये थे।

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