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सोनिया की 'डिनर डिप्लोमेसी', क्या तैयार हो पाएगी विपक्षी एकता की जमीन !

तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी, एसपी प्रमुख अखिलेश यादव, बीएसपी प्रमुख मायावती और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अभी तक आने की सहमति नहीं दी है।

Updated on: 13 Mar 2018, 11:37 AM

नई दिल्ली:

2019 के लोकसभा चुनाव के पहले मोदी सरकार की घेरेबंदी को लेकर कांग्रेस ने गैर बीजेपी दलों के साथ सियासी बिसात बिछानी शुरू कर दी है। बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों की एकजुटता को पुख्ता करने के लिए कांग्रेस की पूर्व  प्रेसिडेंट सोनिया गांधी ने दिल्ली में डिनर का आयोजन किया है।

खबरों के मुताबिक इस आयोजन में अब तक कुल 18 राजनीतिक दलों के शामिल होने की संभावना है। हालांकि तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी, एसपी प्रमुख अखिलेश यादव, बीएसपी प्रमुख मायावती और एनसीपी प्रमुख शरद पवार की मौजूदगी को लेकर आशंकाएं बनी हुई है।

हालांकि सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी इस डिनर डिप्लोमेसी के जरिए सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रही है ताकि अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ मजबूत गठबंधन बनाई जा सके।

सोनिया गांधी ने ऐसे वक्त में इस डिनर का आयोजन किया है, जब एनडीए में गठबंधन को लेकर कई दलों ने अपनी नाराजगी को सार्वजनिक तौर पर जाहिर किया है। हाल ही में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीनत राम मांझी ने खुद को एनडीए से अलग करने का फैसला लिया है। वहीं आंध्र प्रदेश की तेलुगू देशम पार्टी राज्य के विशेष दर्जे की मांग को लेकर खुद को सरकार से अलग कर चुकी है।

हालांकि पार्टी ने अभी तक अपने आप को एनडीए से अलग नहीं किया है।

सोनिया के इस डिनर में जीतन राम मांझी के शामिल होने की खबर है वहीं तेलंगाना राष्ट्र समिति और तेलुगू देशम पार्टी को इस आयोजन में शामिल होने का न्योता नहीं दिया गया है।

गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस ने बिहार में आरजेडी और जेडीयू के साथ मिलकर महागठबंधन की पहल की थी।विधानसभा चुनाव में इस महागठबंधन को शानदार जीत मिली लेकिन यह लंबे समय तक चल नहीं पाया है।

वहीं यूपी चुनाव के दौरान कांग्रेस ने एसपी (समाजवादी पार्टी) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा लेकिन इस गठबंधन को अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई।  

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