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सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामला: अमित शाह के खिलाफ दायर याचिका का विरोध करेगी CBI

गुजरात के चर्चित सोहराबुद्दीन एनकाउंटर (मुठभेड़) मामले में सीबीआई कोर्ट द्वारा बरी किये जाने के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका का सीबीआई विरोध करेगी।

Updated on: 24 Jan 2018, 06:57 AM

नई दिल्ली:

गुजरात के चर्चित सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर (मुठभेड़) मामले में सीबीआई कोर्ट द्वारा बरी किये जाने के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका का सीबीआई विरोध करेगी।

मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील अनिल सिंह ने कहा, 'हम याचिका का विरोध कर रहे हैं। आरोपमुक्त करने का आदेश दिसंबर, 2014 का है, इसे लेकर समय सीमा का मुद्दा है।'

जस्टिस एससी धर्माधिकारी और जस्टिस भारती दांगरे की पीठ ने अब सुनवाई की अगली तारीख 13 फरवरी तय की है। सीबीआई के वकील ने समय की मांग की थी।

आपको बता दें कि पिछले हफ्ते बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर कर सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा शाह को आरोप मुक्त करने के 30 दिसंबर, 2014 के आदेश को चुनौती न देने की सीबीआई की कार्रवाई को 'गैरकानूनी, मनमाना और दुर्भावनापूर्ण' बताया था।

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ध्यान रहे की दिसंबर 2014 के आखिर में अमित शाह को सोहराबुद्दीन मामले में बरी कर दिया था और अदालत ने कहा था कि शाह के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला।

ध्यान रहे की संदिग्ध बदमाश सोहराबुद्दीन शेख को गुजरात में नवंबर 2005 में एक मुठभेड़ में मार गिराया गया था। उस समय भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह गुजरात के गृहमंत्री थी। इस मामले के बाद राजनीतिक गलियारों में काफी घमासान हुआ।

मामले की जांच करने वाली सीबीआई के मुताबिक, शेख और उसकी पत्नी कौसर बी को गुजरात एटीएस की टीम ने कथित तौर पर तब पकड़ा था, जब वे बस से आंध्र प्रदेश के हैदराबाद से महाराष्ट्र के सांगली जा रहे थे।

शेख को गांधीनगर के निकट मुठभेड़ में मार गिराया गया था, जबकि उसकी पत्नी को कुछ दिनों बाद मारा गया था। शेख को वैश्विक आतंकवादी संगठन से जुड़ा बताया गया और कहा कि वह 'हमले की साजिश' कर रहा था।

दंपत्ति के साथ यात्रा कर रहे एक सह यात्री तुलसीराम प्रजापति को दिसंबर 2006 में बनासकांठा जिले के छापरी गांव में मुठभेड़ में पुलिस ने मार गिराया था। प्रजापति इस मामले का एकमात्र चश्मदीद था।

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