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सीमा विवाद में पीछे नहीं हटेगा भारत, डाकोला में सेना ने लगाए टेंट

सिक्किम में सीमा विवाद के मामले में भारत पीछे नहीं हटने का मन बना चुका है। चीन की तरफ से लगातार बयानबाजी और चीनी मीडिया की तरफ से भारत को सबक सिखाए जाने की अपील के बावजूद भारत ने इस बार चीन के खिलाफ कमर कस लिया है।

Updated on: 09 Jul 2017, 03:22 PM

highlights

  • सिक्किम में सीमा विवाद के मामले में भारत पीछे नहीं हटने का मन बना चुका है
  • चीन की तरफ से लगातार बयानबाजी के बावजूद भारत ने चीन के खिलाफ कमर कस लिया है
  • करीब 10,000 फीट की ऊंचाई पर तैनात सैनिकों के लिए रसद की आपूर्ति सुनिश्चित कर दी गई है

नई दिल्ली:

सिक्किम में सीमा विवाद के मामले में भारत पीछे नहीं हटने का मन बना चुका है। चीन की तरफ से लगातार बयानबाजी और चीनी मीडिया की तरफ से भारत को सबक सिखाए जाने की अपील के बावजूद भारत ने इस बार चीन के खिलाफ कमर कस लिया है।

चीन बार-बार इस इलाके से भारत के पीछे हटने की मांग कर रहा है।

इलाके में तैनात भारतीय सैनिकों ने अपना टेंट लगा दिया है, जो इस बात का साफ संकेत हैं कि चीनी सैनिकों की पीछे हटने से पहले वह सीमा नहीं छोड़ने जा रहे हैं।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक करीब 10,000 फीट की ऊंचाई पर तैनात सैनिकों के लिए रसद की आपूर्ति सुनिश्चित कर दी गई है। 

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भारत ने इस बीच साफ कर दिया है कि सिक्किम मुद्दे का अगर समाधान निकलेगा, तो वह कूटनीतिक ही होगा। वहीं चीन इस बात तक की धमकी दे चुका है कि वह इस मुद्दे पर 'झुकने' नहीं जा रहा है, और अब भारत को तय करना है कि वह इस मामले में युद्ध चाहता है या शांति।

गौरतलब है कि दोनों देशों ने 2012 में एक व्यवस्था बनाई थी, जिसके तहत सीमा विवाद से जुड़े मुद्दों को कई स्तर की बातचीत से सुलझाया जाना था। लेकिन भूटान ट्राई जंक्शन से जुड़े मामलों में यह व्यवस्था काम करती नजर नहीं आ रही है। दोनों देशों की सेना पिछले तीन हफ्तों से यहां आमने-सामने है।

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नई दिल्ली साफ कर चुका है कि डोकाला इलाके में सड़क निर्माण से मौजूदा यथा-स्थिति में बदलाव होगा जो भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकता है। चीन की तरफ से बनाई जा रही सड़क रणनीतिक रूप से चीन को भारत पर बढ़त दिला सकती है।

संबंधित इलाके को भारत डोकाला के नाम से जाना जाता है, जबकि भूटान इसे डोकालम कह कर बुलाता है। वहीं चीन इसे डोंगलांग क्षेत्र का हिस्सा मानता है।

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