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शिलॉन्ग हिंसाः केंद्र ने भेजी अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियां

शिलॉन्ग में रविवार शाम भड़की हिंसा को काबू में करने के लिए केंद्र ने एक हजार अर्धसैनिक बलों को मेघालय भेजा है।

Updated on: 04 Jun 2018, 11:38 PM

नई दिल्ली:

मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में चौथे दिन भी हिंसा की खबरें आईं। राज्य की आतंरिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तनाव वाले इलाकों में अर्धसैनिक बलों की 10 अतिरिक्त कंपनियां भेजी है।

राज्य की स्थिति को लेकर गृह मंत्रालय के अधिकारी राज्य के अधिकारियों से लगातार अपडेट लेने में जुटे हुए हैं। अर्धसैनिक बलों को भेजने का फैसला मंत्रालय ने मेघालय सरकार की मांग पर लिया।

सूत्रों ने बताया, 'केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की आठ अतिरिक्त कंपनियों व भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की दो कंपनियों को शिलॉन्ग में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में राज्य पुलिस की मदद के लिए भेजा गया है। सीआरपीएफ कम से कम 10 कंपनियां पहले से वहां तैनात हैं।'

हिंसा को लेकर गृह मंत्रालय ने बताया कि वह लगातार राज्य सरकार के साथ संपर्क में है और शिलॉन्ग की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। शिलांग में सोमवार को अधिकारियों ने रविवार रात हिंसा के कारण कर्फ्यू को बढ़ा दिया है।

मोटफ्रान, मावखर व आसपास के इलाकों में 31 मई को हुए संघर्ष में कानून-व्यवस्था को भंग करने के मद्देनजर जिला मजिस्ट्रेट ने एक जून को लुमडिंगजरी पुलिस थाने व कैंटोनमेंट बीट हाउस इलाकों में कर्फ्यू लागू किया था।

शिलॉन्ग पब्लिक ट्रांसपोर्ट सर्विस बस के एक खासी समुदाय के चालक व कुछ पंजाबी महिलाओं के बीच थेम लेव मावलांग में झगड़े के बाद यह संघर्ष शुरू हुआ। थेम लेव मावलांग शिलॉन्ग में एक पंजाबी बस्ती है, जिसमें 350 परिवार रहते हैं।

हालांकि, कर्फ्यू में रविवार सुबह आठ बजे से सात घंटे के लिए ढील दी गई थी, लेकिन भीड़ ने सुरक्षा बलों पर पथराव किया। इससे पुलिस बलों को भीड़ पर आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।

क्या था मामला

थेम एव मॉवलोंग में रह रहे लोगों के एक समूह द्वारा कथित तौर पर एक बस कंडक्टर से बदतमीजी करने के बाद यह झड़प शुरू हुई थी लेकिन रात के समय स्थिति तब हिंसक हो गई जब भीड़ ने थेम मावलोंग की ओर जाने का प्रयास किया और वहां तैनात पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया।

इस झड़प में एक पत्रकार और चार नागरिक घायल हो गए।

ईस्ट खासी हिल्स के जिला पुलिस प्रमुख डेविस मराक ने कहा, 'हमने चार विभिन्न स्थानों मोटफ्रान, उमसोहसन, रयान्जाह और नोंगम्यान्सोंग इन चार स्थानों में शरारती तत्वों द्वारा चार वाहनों को आग लगाने के बाद पूरे शहर की सुरक्षा कड़ी कर दी है।'

इस मामले में तीन पत्थरबाजों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने उनके कब्जे से पेट्रोल बम और अन्य धारदार हथियार बरामद किए हैं।

हिंसा को लेकर कैप्टन ने भेजी टीम

हिंसा को देखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कैबिनेट मंत्री सुखजींदर रंधावा के नेतृत्व में चार सदस्यीय एक टीम मेघालय की राजधानी भेजी है।

यह टीम संकटग्रस्त इलाकों का जायजा लेगी और वहां सिख समुदाय को हर संभव मदद करेगी। टीम के सदस्यों ने सोमवार शाम को राज्य सचिवालय में मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा से मुलाकात की।

राज्य के मुख्यमंत्री ने उन्हें राज्य में रह रहे सिखों की सुरक्षा का आश्वासन दिया है।

(IANS इनपुट के साथ)

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