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बीजेपी के खिलाफ विपक्षी पार्टियों को साथ आना चाहिए, 1977 जैसी मौजूदा स्थिति: शरद पवार

एनसीपी प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हराने के लिए विपक्षी पार्टियों को एक साथ आना चाहिए।

Updated on: 05 Jun 2018, 12:19 PM

highlights

  • शरद पवार ने कहा कि उन्हें मौजूदा स्थिति साल 1977 के जैसी लग रही है
  • 1977 में विपक्षी पार्टियों के साथ आने के बाद इंदिरा गांधी को मिली थी हार
  • शरद पवार ने की गैर एनडीए राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों को एकजुट होने की अपील

मुंबई:

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हराने के लिए विपक्षी पार्टियों को एक साथ आना चाहिए।

शरद पवार ने कहा कि उन्हें मौजूदा स्थिति साल 1977 के जैसी लग रही है जब इंदिरा गांधी को विपक्षी पार्टियां की एकजुटता के कारण सत्ता से बाहर होना पड़ा था।

एनसीपी नेता ने कहा, '1977 में एक पार्टी का पतन होना शुरू हुआ था और एक समय पर सरकार टूट गई। अभी उसी तरह की स्थिति बन सकती है अगर विपक्षी दल एक साथ आ जाएं।'

शरद पवार ने कहा,, 'मैं खुश हूं कि बीजेपी को हराने के लिए सभी विपक्षी पार्टियां साथ आ रही हैं। हम देश में लोकतंत्र को बहाल करना चाहते हैं। मैं विपक्षी एकजुटता के विचार का समर्थन करता हूं।'

उन्होंने कहा कि अपने क्षेत्र में मजबूत आधार वाली गैर एनडीए राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों को एक समान विचार के साथ एकजुट होना चाहिए।

उन्होंने कहा, 'अधिकतर उपचुनाव के परिणाम सत्ताधारी बीजेपी के खिलाफ रही हैं। यह छोटी चीज नहीं है। पहले भी ऐसी चीजें हुई हैं जिसमें उपचुनाव में मिली हार से सरकार को मात खानी पड़ी है।'

बता दें कि हाल ही में 14 लोकसभा और विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में विपक्षी पार्टियों ने गठबंधन के साथ 11 सीटों पर जीत हासिल की थी।

उपचुनाव के परिणाम के बाद 2019 लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों की एकजुटता को बल मिल रहा है।

उम्मीद जताई जा रही है कि अलग-अलग राज्यों में अपने मजबूत आधारों के साथ विपक्षी पार्टियां बीजेपी के खिलाफ एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी।

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