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बॉलीवुड और बिल्डर की सांठ-गांठ पर नकेल कसने की तैयारी में सेबी, 331 लिस्टेड कंपनियों को नोटिस

फर्जी कंपनियों को लेकर अब बिल्डर्स, ब्रोकर और बॉलीवुड हस्तियों की सांठगांठ जांच एजेंसियों के निशाने पर आ चुकी है।

Updated on: 13 Aug 2017, 08:14 PM

highlights

  • शेल कंपनियों को लेकर अब बिल्डर्स, ब्रोकर और बॉलीवुड हस्तियों की सांठ-गांठ जांच के घेरे में
  • मनी लॉन्ड्रिंग का व्यापार करने वाली 100 से ज्यादा अनलिस्‍टेड कंपनियों पर भी कार्रवाई शुरू

नई दिल्ली:

शेल कंपनियों को लेकर अब बिल्डर्स, ब्रोकर और बॉलीवुड की सांठ-गांठ जांच एजेंसियों के निशाने पर आ चुकी है। पूंजी बाजार नियामक संस्था सेबी (सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) ने 331 लिस्टेड कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन सभी कंपनियों पर 'शेल कंपनियों' की तरह काम करने का आरोप है।

सरकारी सूत्रों के मुताबिक इसके साथ ही 100 अनलिस्टेड कंपनियों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की गई है। 

सेबी ने कुछ कंपनियों को शेयर ट्रेडिंग करने पर रोक लगाई थी। हालांकि कंपनियों ने सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल (सैट) में इस फैसले को चुनौती दी। सैट ने कंपनियों के हक में फैसला सुनाते हुए सेबी के आदेश को पलट दिया। हालांकि इस मामले में जांच आगे बढ़ाने की अनुमति दे दी। 

कई कंपनियों ने सार्वजनिक रूप से सामने आकर कहा कि वह कुछ गलत नहीं कर रही है औरल वह शेल कंपनी की तरह काम नहीं कर रही हैं।

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 'शेल कंपनी' में परिभाषित होने से लोगों में गलत धारणा बन गई है कि प्रतिष्ठित और बड़ी कंपनियां भी मनी लांड्रिंग तथा अवैध धन को वैध बनाने के लिये 'शेल कंपनी' की तरह काम करती है।

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि कई छोटे दलाल पहले से ही 'संदिग्ध शेल फर्म' सूची में हैं। उनके लिंक बड़े ब्रोकरेज समूहों के साथ है, जिसकी जांच सेबी कर रही है। उन्होंने आगे बताया कि सेबी की 331 कंपनियों के शेयरों के कारोबार पर रोक लगाने के फैसले से जांच के घेरे में आए कुछ ब्रोकर्स घबरा गए हैं।

अधिकारी ने कहा कि यह सभी स्टॉक मार्केट में 'अफरा-तफरी' का माहौल बना रहे है। सेबी के इस कदम से अल्पांश शेयरधारकों के हितों की रक्षा होगी। हालांकि ये ब्रोकर्स बहुत छोटे खिलाड़ी हैं जो किसी भी हाल में अपना पैसा निकालने की कोशिश में जुटे है।

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इस मामले की जांच शुरू करने वाली सेबी के अलावा इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट, इन्‍फोर्समेंट डायरेक्‍टरेट और गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) जैसी एजेंसियां भी बिल्डर्स, ब्रोकर और बॉलीवुड हस्तियों की सांठ-गांठ पर नजर बनाए हुए हैं।

इनमें शामिल की कपनियों में नोटबंदी के बाद बड़े नकद के लेन-देन का संदेह है। अधिकारी ने बताया कि विनियामक और जांच एजेंसियां एक दूसरे के साथ अपनी रिपोर्ट साझा कर रही हैं।

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