अयोध्या मामले में SC ने ट्रायल कोर्ट के जज से पूछा सवाल, समय सीमा में कैसे पूरी होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने गत वर्ष 19 अप्रैल को लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती सहित भाजपा और वीएचपी के 14 नेताओं के खिलाफ अयोध्या में ढांचा ढहाने की साजिश का मुकदमा चलाए जाने का आदेश दिया था।
नई दिल्ली:
विवादित ढांचा मामले में सुनवाई के दौरान ट्रायल कोर्ट के विशेष जज की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने जज से रिपोर्ट के लिए पूछा कि विवादित ढांचे के विध्वंस मामले पर दिए गए समय सीमा में वे किस तरह सुनवाई पूरी करेंगे। बता दें कि याचिकाकर्ता जज के प्रमोशन पर हाई कोर्ट द्वारा रोक लगाई गई है।
उल्लेखनीय है कि विशेष जज ने अर्जी दाखिल कर कहा है कि अयोध्या मामले का ट्रायल निपटने तक जज का स्थानांतरण न किए जाने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश उनकी प्रोन्नति में आड़े आ रहा है। उन्होंने कोर्ट से आदेश में बदलाव करने और हाईकोर्ट को उन्हें जिला जज पद पर प्रोन्नत करने का आदेश देने की मांग की ।
सुप्रीम कोर्ट ने गत वर्ष 19 अप्रैल को लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती सहित भाजपा और वीएचपी के 14 नेताओं के खिलाफ अयोध्या में ढांचा ढहाने की साजिश का मुकदमा चलाए जाने का आदेश दिया था।
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कोर्ट ने नेताओं का मुकदमा रायबरेली की अदालत से अयोध्या प्रकरण की सुनवाई कर रहे लखनऊ के विशेष जज की अदालत में स्थानांतरित कर दिया था। साथ ही रोजाना सुनवाई कर दो साल में ट्रायल पूरा करने और ट्रायल पूरा होने तक न्यायाधीश का स्थानांतरण न किये जाने का भी आदेश दिया था।
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