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विस्टा सोसाइटी मामले में सुप्रीम कोर्ट से यूनिटेक को झटका, रजिस्ट्रियों में ब्याज जमा करने के आदेश

यूनिटेक की विस्टा सोसायटी केस में ग्राहकों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। ग्राहकों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा है कि विस्टा सोसायटी के 39 ग्राहकों द्वारा कंपनी, 17 करोड़ रुपये जमा रकम पर सालाना 14% की दर से ब्याज (रजिस्ट्रियों में) जमा कराए।

Updated on: 20 Feb 2017, 04:33 PM

नई दिल्ली:

यूनिटेक की विस्टा सोसायटी केस में ग्राहकों को बड़ी राहत सुप्रीम कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया है। सर्वोच्च न्यायालय ने विस्टा सोसायटी के 39 ग्राहकों द्वारा कंपनी को दी गई 17 करोड़ रुपये रकम पर सालाना 14 प्रतिशत की दर से ब्याज (रजिस्ट्रियों में) जमा कराने के आदेश दिए हैं।

मामले की अगली सुनवाई 3 अप्रैल को होनी है। मामला विस्टा सोसायटी का है। दरअसल गुरुग्राम (पहले गुड़गांव) में यूनिटेक ने विस्टा सोसायटी के ग्राहकों को समय पर मकान नहीं मुहैया कराए थे। कंपनी कई बार समय पर मकान न मिलने के अपने वायदे को पूरा नहीं कर पाई थी। जिससे नाराज़ ग्राहकों ने कोर्ट की शरण ली थी।

अब इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ग्राहकों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कंपनी को 17 करोड रुपये पर सालाना 14 फीसदी ब्याज रजिस्ट्री में जमा कराने के आदेश दिए। साथ ही 1 जनवरी, 2010 से अभी तक का ब्याज आठ हफ्ते में जमा कराने के आदेश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 3 अप्रैल को होगी।

इससे पहले भी कोर्ट कंपनी ने इस मामले में सभी खरीदारों को रजिस्ट्री में जमा 15 करोड़ रुपये में से अपनी मूल राशि दस्तावेज दिखाकर लेने के लिए कहा था। कोर्ट ने यूनिटेक को चार हफ्ते के भीतर दो करोड़ रुपये रजिस्ट्री में जमा कराने का आदेश भी दिया था।

अब सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि ब्याज कितना देना है। यह ब्याज फ्लैट खरीदारों को कंपनी में जमा कराई गई धनराशि के अनुपात में दिया जाएगा। न्यायालय ने कहा है कि प्रॉपर्टी डेवलपर को समझौते के नियमों का पालन करना चाहिए ताकि वह उन लोगों में भरोसा दिला सके जो घर का सपना देखते हैं।

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