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नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और आरबीआई को जारी किया नोटिस, पूछा- 31 मार्च तक क्यों नहीं कर सकते पुराने नोट जमा

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया और एक्सिस बैंक को नोटिस जारी कर पूछा है कि 31 मार्च की समयसीमा तक पुराने नोट स्वीकार क्यों नहीं किए जा सकते हैं?

Updated on: 06 Mar 2017, 02:39 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया और एक्सिस बैंक को नोटिस जारी कर पूछा है कि 31 मार्च की समयसीमा तक पुराने नोट स्वीकार करने पर अमल क्यों नहीं किया जा रहा है?

यह नोटिस सुप्रीम कोर्ट ने एक रियल एस्टेट कंपनी की याचिका की सुनवाई के दौरान जारी किया है। रियल एस्टेट कंपनी ने अपनी याचिका में कहा है कि सरकार ने विशेष परिस्थितियों में 31 मार्च तक आरबीआई में पैसे जमा कराने की बात कही थी लेकिन अब सरकार और रिज़र्व बैंक दोनों ही अपने वायदे से मुकर गए हैं।

रियल एस्टेट कंपनी के पास 71 लाख रुपये 500-100 रुपये के पुराने नोटों की नकदी के रुप में मौजूद है जिसे वह बैंक में जमा नहीं कर पा रहा है। पुराने नोटों को जमा न करवा पाने की सूरत में कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।

केस की सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार, रिज़र्व बैंक और एक्सिस बैंक को नोटिस जारी किया है। न्यायालय ने इस पर शुक्रवार तक जवाब दाखिल करने का समय दिया है।

गौरतलब है कि इससे पहले 8 नवंबर को केंद्र सरकार ने 500 और 1000 रुपये के नोट चलन से बाहर करने की घोषणा की थी साथ ही केंद्र सरकार ने 30 दिसंबर तक पुराने नोटों को बैंक से बदलवाने या जमा कराने के निर्देश भी दिए थे।

इसके अलावा केंद्र सरकार ने बाद में विशेष परिस्थितियों में 31 मार्च तक पुराने नोट रिज़र्व बैंक में जमा कराने के निर्देश भी दिए थे। वह भारतीय जो 9 नवंबर से 30 दिसंबर तक विदेश में थे वह 31 मार्च तक पुराने नोट आरबीआई में जमा करा सकते थे।

हालांकि इसके लिए सबूत देना था कि वो इस दौरान विदेश में थे और नोट बदलवाने की प्रक्रिया में शामिन नहीं हो पाए थे, साथ ही विदेश यात्रा का कारण भी बताने के निर्देश थे। वहीं प्रवासी भारतीयों के लिए पुराने नोट बदलवाने की समयसीमा 30 जून निर्धारित की गई थी।

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