अंडर ट्रायल कैदियों को रिहा न किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट सख़्त, सरकार से 10 दिन में मांगा जवाब
प्रीम कोर्ट ने उत्तरप्रदेश, महराष्ट्र और मध्यप्रदेश राज्य की सरकारों को फटकार लगाते हुए कहा है, 'यह स्तब्ध करने वाला है कि जेल में कैदियों की भरमार होने के बावजूद राज्य सरकर अंडर ट्रायल कैदियों को रिहा नहीं कर पाई है।'
नई दिल्ली:
अंडर ट्रायल कैदियों को रिहा न किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराज़गी जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तरप्रदेश, महराष्ट्र और मध्यप्रदेश राज्य की सरकारों को फटकार लगाते हुए कहा है, 'यह स्तब्ध करने वाला है कि जेल में कैदियों की भरमार होने के बावजूद राज्य सरकर अंडर ट्रायल कैदियों को रिहा नहीं कर पाई है।'
इस मामले पर उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकारों को जवाब दाखिल करने के लिए दस दिन का वक्त दिया है।
साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में राज्य सरकारों को ऐसे अंडर ट्रायल कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया था, जो अपने ऊपर लगे आरोपों की आधी सज़ा काट चुके है।
देश में फिलहाल 3.81 लाख कैदी है जबकि करीब 2.34 लाख कैदी अंडर ट्रायल है।
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