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LIVE: रामगोपाल के निकाले जाने के बाद, मुलायम के घर चल रही बैठक खत्म

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव परिवार में जारी विवाद के बीच रविवार को अलग पार्टी बनाने का ऐलान कर सकते हैं।

Updated on: 23 Oct 2016, 07:28 PM

लखनऊ:

रामगोपाल को पार्टी से बाहर करने के बाद मुलायम के घर बैठक शुरू हो गई है। बैठक में शिवपाल भी पहुंचे हैं। इससे पहले शिवपाल की मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी के कुछ देर बाद ही पलटवार करते हुए मुलायम सिंह यादव ने रामगोपाल यादव को पार्टी के सभी पदों से छः साल के लिए निष्कासित कर दिया था। रविवार सुबह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकार के भीतर अपनी पकड़ मजबूत करते हुए शिवपाल यादव समेत 4 मंत्रियों को कैबिनेट से हटा दिया था।

बर्खास्त होने के बाद शिवपाल सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री ने सीधे-सीधे आरोप लगा दिया है। उनकी बर्खास्तगी से पार्टी को नुकसान हुआ है। सीबीआई से बचने के लिए कुछ लोग बीजेपी से मिलकर पार्टी को कमज़ोर कर रहे हैं। बर्खास्त होने की चिंता नहीं है, नेताजी के नेतृत्व में चुनाव में जाएंगे।"

बता दें कि बर्खास्त हुए मंत्रियों में पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह, महिला कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) शादाब फातिमा, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्री नारद राय शामिल हैं। जयाप्रदा को यूपी फिल्म डेवलपमेंट काउंसिल से हटाया गया है। 

सीएम ने बैठक के दौरान कहा, "जो भी अमर सिंह के साथ हैं, वो हटाए जाएंगे। पार्टी में अमर सिंह और मेरा एक साथ होना संभव नहीं है। लोग अपना-अपना रास्ता चुन लें। इससे पहले अखिलेश और शिवपाल के बीच हुई लड़ाई में अखिलेश ने शिवपाल के सभी अहम विभाग छीन लिए थे। इसके बाद मुलायम ने अखिलेश यादव को यूपी सपा के अध्यक्ष पद से हटा दिया था। हालांकि बाद में मुलायम के कहने पर शिवपाल को उनके सभी विभाग सौंप दिए थे।

LIVE UPDATES:

# मुलायम सिंह के घर चल रही बैठक खत्म

# मुलायम के आवास के बाहर भारी फोर्स तैनात की गई है।

# PAC के साथ RRF के जवान तैनात किए गए हैं।
# पिछली बार यूथ विंग ने मुलायम के आवास पर बड़ा धरना-प्रदर्शन किया था।

अखिलेश यादव के समर्थकों ने अमर सिंह के खिलाफ नारेबाजी की।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बैठक के लिए पांच कालिदास मार्ग पहुंच गए हैं। मीटिंग में विधायकों के मोबाइल लेकर जाने पर रोक है। वहीं शिवपाल यादव और उनके समर्थक MLA को बैठक में नहीं बुलाया गया है। 

माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की 24 अक्टूबर को होने वाली बैठक से पहले अखिलेश यादव नई पार्टी बनाने का ऐलान कर सकते हैं। वहीं, शिवपाल यादव अखिलेश की बैठक में शामिल नहीं होंगे। वह पार्टी कार्यालय में रहेंगे और दो पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। दूसरी तरफ, एक बार फिर पार्टी के वरिष्ठ नेता रेवती रमन, माता प्रसाद पांडेय और नरेश अग्रवाल सुलह के लिए मुलायम सिंह से मिलने उनके आवास पर पहुंच गए हैं।

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यूपी के गवर्नर राम नाईक ने कहा, "प्रदेश में जो भी राजनीतिक हलचल हो रही है, वो मैं देख रहा हूं। इस पर टिप्पणी करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है।"

रीता बहुगुणा जोशी ने कहा, "यह परिवार के बीच एक युद्ध है। सपा के पारिवारिक विवाद से जनता तंग आ चुकी है।" 

वहीं, शिवपाल सिंह यादव ने अपना अयोध्या का दौरा रद्द कर दिया है। 

इस बीच सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव को परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कार्यकर्ताओं के नाम से चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने अखिलेश के नेतृत्व पर मुहर लगा दी है।

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रामगोपाल यादव ने चिट्ठी में लिखा है, "अखिलेश का विरोध करने वाले विधानसभा का मुंह नहीं देख पाएंगे, जहां अखिलेश, वहां विजय।" उन्होंने लिखा, "रथयात्रा विरोधियों के गले की फांस है, इस फांस को और मजबूत करना है।" रामगोपाल यादव ने कहा, "हम चाहते हैं कि अखिलेश के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार बने। वे चाहते हैं कि हर हालत में अखिलेश यादव हारें। हमारी सोच पॉजिटिव है और उनकी निगेटिव।"

पूरे घटनाक्रम से आहत नज़र आ रहे मुलायम सिंह यादव ने कहा, "अब तो अखिलेश उनका फोन भी नहीं उठाते हैं। जो सीनियर नेता अखिलेश से मिलने जाते हैं, वो उनसे भी नाराज़ हो जा रहे हैं। जो आज तक विपक्ष ने आरोप नहीं लगाया, वो आरोप अपने लगा रहे हैं। परिवार में मचे इस कलह से बेहद दुख होता है। पार्टी को जीरो से यहां तक लाने में बड़े कष्ट उठाए हैं। जो कुछ हो रहा है, वो बहुत दुखद है।"   

वहीं, इस मुद्दे पर बसपा ने कहा कि अखिलेश सरकार की पहचान कुशासन, अपराध, हत्या, बलात्कार और सांप्रदायिक दंगों तक सिमट कर रह गई है। प्रदेश की जनता उन्हें इतिहास के कूड़ेदान में फेंक देगी।

मुख्यमंत्री ने 23 अक्टूबर को पार्टी के सभी MLA और MLC की बैठक बुलाई है। इस बैठक में विधायकों और एमएलसी की 50 फीसदी भी सहमति मिली तो अखिलेश नई पार्टी बनाने का फैसला लेंगे।

समाजवादी पार्टी में अखिलेश यादव की अपने प्रदेश पार्टी अध्यक्ष चाचा शिवपाल यादव से वर्चस्व को लेकर लंबे समय से लड़ाई चल रही है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के हस्तक्षेप के बाद भी दोनों की लड़ाई थम नहीं रही है। 

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शनिवार को ही अखिलेश के समर्थन में पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को चिट्ठी लिखने वाले सपा पार्षद उदयवीर सिंह को पार्टी ने 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। उदयवीर सिंह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं। इससे पहले भी शिवपाल यादव अखिलेश यादव के समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई कर चुके हैं। शिवपाल के इस फैसले को लेकर अखिलेश उनसे खासे नाराज़ चल रहे हैं। 

हाल ही में रामगोपाल यादव ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की थी, जिसके बाद नई पार्टी और उसके चुनाव चिह्न को लेकर चल रही अटकलों को बल मिलने लगा। शिवपाल और अखिलेश की लड़ाई में रामगोपाल पूरी तरह से अखिलेश के साथ खड़े हैं।

शनिवार को बेनी प्रसाद वर्मा, माता प्रसाद पांडेय, किरणमय नंदा और नरेश अग्रवाल ने मुलायम सिंह से मुलाकात कर उन्हें मनाने की कोशिश की थी, लेकिन मुलायम टस से मस नहीं हुए। देर शाम इन चारों नेताओं ने अखिलेश से भी बात करने की कोशिश की, लेकिन अखिलेश भी अपने रूख पर अड़े नज़र आए। मुलायम और अखिलेश के बीच शायद यह आखिरी सुलह की कोशिश थी, जो अब पूरी तरह से विफल हो चुकी है। अखिलेश अब मुलायम को चुनौती देने का मन बना चुके हैं, इसलिए उन्होंने 24 अक्टूबर को मुलायम सिंह की तरफ से बुलाई गई पार्टी विधायकों की बैठक से पहले ही अपनी बैठक बुलाई है। 

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