जम्मू-कश्मीर में RSS पहली बार करेगा समीक्षा बैठक, अशांति और अलगाववादियों पर होगी चर्चा
आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और विश्व हिंदू परिषद के नेता तीन दिनों की बैठक में शामिल होंगे।
नई दिल्ली:
आरएसएस जम्मू में इस साल जुलाई में अपनी वाषिर्क समीक्षा बैठक का आयोजन करेगा। हाल के दिनों में कश्मीर में जिस तरह की अशांति देखने को मिली है ऐसे में बैठक के आयोजन का मकसद अलगाववादियों को यह संदेश देना है कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है।
संघ के सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेता तीन दिनों की बैठक में शामिल होंगे जिसका आयोजन 18 से 20 जुलाई के बीच होगा।
उन्होंने कहा, 'कश्मीर घाटी में अलगाववादियों को यह संदेश देने के लिए कि क्षेत्र भारत का अभिन्न हिस्सा है और संघ उसकी एकता के लिए प्रतिबद्ध है, बैठक का समय एवं जगह तय किए गए।'
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सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि बैठक में पथराव और सीआरपीएफ जवानों पर हमले की घटनाओं पर चर्चा हो सकती है। आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने भी बैठक की पुष्टि की है।
वैद्य ने कहा कि बैठक में ग्रीष्म प्रशिक्षण शिविरों की समीक्षा की जाएगी जिसका आरएसएस हर साल आयोजन करता है। उन्होंने कहा कि जम्मू स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के बैठक का आयोजन करने के लिए आगे आने पर बैठक वहां आयोजित करने का फैसला किया गया।
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उन्होंने कहा, 'यह गुजरे साल की घटनाओं एवं गतिविधियों का जायजा लेने और साथ ही आने वाले समय के लिए कार्य योजना का मसौदा तैयार करने के उद्देश्य से की जाने वाली प्रांत प्रचारकों की वाषिर्क समीक्षा बैठक है।'
प्रचार प्रमुख ने कहा कि बैठक में कोई बड़ा फैसला नहीं लिया जाएगा लेकिन देश के सामने मौजूद विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है।
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