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RSS चीफ मोहन भागवत को आतंकियों की सूची में डालना चाहती थी मनमोहन सरकार, निजी चैनल का दावा

खुलासे से पता चला है कि यूपीए की सरकार अपने अंतिम दिनों में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को आतंकवादियों की सूची में डालना चाहती थी।

Updated on: 15 Jul 2017, 07:41 AM

नई दिल्ली:

मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले एक बड़ा खुलासा सामने आया है। इस खुलासे से पता चला है कि कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए की सरकार अपने अंतिम दिनों में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को आतंकवादियों की सूची में डालना चाहती थी।

निजी अंग्रेजी टीवी चैनल टाइम्स नाउ के पास मौजूद दस्तावेजों की माने तो भागवत को फंसाने के लिए यूपीए सरकार कोशिश में जुड़े हुए थे। बता दें कि अजमेर के दरगाह और मालेगांव में हुए ब्लास्ट के बाद यूपीए की सरकार भागवत को फंसाना चाहती थी।

खबरों की माने तो इस काम के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के बड़े अधिकारियों पर दबाव डाला जा रहा था।

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अंग्रेजी चैनल को फाइल नोटिंग्स से इस बात की जानकारी मिली है कि जांच अधिकारी और कुछ आला ऑफिसर अजमेर और कई अन्य बम विस्फोट मामले में तथाकथित भूमिका के लिए भागवत से पूछताछ करना चाहते थे।

खबरों की माने ते ये सभी अधिकारी यूपीए के मंत्रियों के आदेश पर काम कर रहे थे। ये अधिकारी भागवत को पूछताछ के लिए उन्हें हिरासत में लेना चाहते थे।

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