logo-image

जम्मू-कश्मीर में हिन्दुओं को अल्पसंख्यक दर्जे पर सुनवाई 8 हफ्तों के लिए टली

जम्मू-कश्मीर में हिन्दुओं, सिखों और बौद्धों को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 8 हफ्ते के लिए सुनवाई टाल दी है।

Updated on: 11 Dec 2017, 08:10 PM

highlights

  • जम्मू-कश्मीर में हिन्दुओं को अल्पसंख्यक दर्जे पर सुनवाई आठ हफ्तों के लिए टली
  • सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा विधायिका को नहीं कह सकता कैसे करें काम



नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर में हिन्दुओं, सिखों और बौद्धों को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 8 हफ्ते के लिए सुनवाई टाल दी है।

याचिका में राज्य में बहुसंख्यक मुस्लिमों को अल्पसंख्यक दर्जे के तहत मिलने वाले फायदे और राज्य में दूसरी जातियों के अल्पसंख्यक होने के बावजूद उन्हें फायदा नहीं मिलने को लेकर ये सुनवाई हो रही थी
 
जम्मू-कश्मीर के वकील अंकुर शर्मा की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विधायिका नीति बनाने के मामले में कैसे काम करे इसके लिए कोर्ट दिशा-निर्देश कैसे दे सकता है।

जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने कहा,  इसमें कानूनी दिक्कतें हैं, हम विधायिका को नीति बनाने के मामले में कैसे काम करें इसपर कोई दिशा निर्देश नहीं दे सकते। हम सिर्फ राज्य सरकार और केंद्र सरकार से यह कह सकते हैं कि इस मुद्दे को उन्हें सुलझाना चाहिए।

यह भी पढ़ें: पाक की सलाह- चुनावी बहस में हमें न घसीटें, अपने दम पर लड़े चुनाव, भारत ने कहा नसीहत की ज़रूरत नहीं

वहीं इस मामले में केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा, यह बेहद गंभीर मामला है और अंतिम फैसले पर पहुंचने के लिए राज्य सरकार से बातचीत चल रही है। गौरतलब है कि अगस्त में हुई पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को 3 महीने के भीतर रिपोर्ट देने का आदेश दिया था।

क्या है पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट में अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर दाखिल किए गए याचिका में वकील अंकुर शर्मा ने कहा था कि राज्य में 68 फीसदी आबादी मुस्लिमों की है और राज्य में यह बहुसंख्यक हैं। लेकिन देश में इन्हें अल्पसंख्यक दर्जे के तहत बीते 50 सालों से कई फायदे मिल रहे हैं।

अंकुर शर्मा की याचिका के मुताबिक राज्य में हिंदू, सिखा और बौद्ध समुदाय के लोगों की आबादी बेहद कम है इसलिए अल्पसंख्यक का दर्जा इन्हें मिलना चाहिए। याचिकाकर्ता ने इसके लिए अल्पसंख्यक आयोग बनाने की भी मांग की है।

याचिकाकर्ता अंकुर शर्मा ने केंद्र सरकार पर इस मामले में जानबूझकर देरी करने का भी आरोप लगाया है।

यह भी पढ़ें: राहुल का पीएम मोदी पर निशाना, कहा- फ्लॉप हो गई 'विकास यात्रा'