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रोटोमैक स्कैमः विक्रम कोठारी पर सीबीआई और ईडी ने कसा शिकंजा, छापेमारी के दौरान पासपोर्ट जब्त

रोटोमैक पेन कंपनी के प्रमुख विक्रम कोठारी पर कई बैंकों का लगभग 800 करोड़ रुपये डकार जाने के आरोप में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उनके कानपुर के तिलकनगर स्थित आवास पर छापेमारी की।

Updated on: 19 Feb 2018, 06:11 PM

नई दिल्ली:

सोमवार को रोटोमैक पेन कंपनी के प्रमुख विक्रम कोठारी पर कई बैंकों का लगभग 800 करोड़ रुपये डकार जाने के आरोप में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उनके कानपुर के तिलकनगर स्थित आवास पर छापेमारी की।

सीबीआई ने कोठारी के खिलाफ नई दिल्ली में एफआईआर दर्ज की है। सीबीआई ने विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना और राहुल को भी लोन डिफॉल्ट केस में आरोपी बनाया है। इसके अलावा बैंक कर्मचारियों और अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। 

सीबीआई ने विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी और बेटे के पासपोर्ट को भी जब्त कर लिया है। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में विक्रम कोठारी पर केस दर्ज किया है।

सीबीआई के बाद ईडी की तीन टीमें और आयकर विभाग की टीमें भी मौके पर पहुंची। कोठारी के सभी चल और अचल संपत्ति के कागजों को कब्जे में लेकर पडताल की जा रही है।

गौरतलब है कि सीबीआई ने कोठारी को पूछताछ के लिए पहले ही हिरासत में ले लिया है।

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आपको बता दें कि बैंक आफ बड़ौदा की कानपुर रीजनल मैनेजर ने विक्रम कोठारी के खिलाफ आपराधिक साज़िश और धोखाधड़ी की धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई है जिसमें 456 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की बात कही गई है।

कोठारी परिवार के बिजनेस से जुड़े लैपटॉप, कम्प्यूटर की भी जांच की जा रही है। परिजनों के मोबाइल फोन को भी कब्जे में लिया गया है।

कोठारी कानपुर स्थित रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं।

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के 11,515 करोड़ रुपये के घोटाले के बाद ऐसा अंदेशा जताया जा रहा था कि कोठारी भी देश छोड़कर फरार हो सकते हैं।

कानपुर में कोठारी के माल रोड स्थित ऑफिस पर बीते सप्ताह ताला लगा मिला था।

कोठारी ने इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन ओवरसीज बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 800 करोड़ रुपये के ऋण लिया था।

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