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रोहिंग्या मुद्दे पर सोमवार को अदालत में हलफनामा दाखिल करेगी केंद्र: राजनाथ

18 सितंबर को रोहिंग्या शरणार्थियों के मुद्दे पर सरकार के रुख से सर्वोच्च न्यायालय को अवगत कराएगी।

Updated on: 15 Sep 2017, 06:11 PM

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर 18 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी। शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार 18 सितंबर को रोहिंग्या शरणार्थियों के मुद्दे पर सरकार के रुख से सर्वोच्च न्यायालय को अवगत कराएगी।

हालांकि राजनाथ ने इस मुद्दे पर अत्यधिक बयान देने से फिलहाल इनकार कर दिया। राजनाथ ने रोहिंग्या शरणार्थियों के बारे में पूछे जाने पर कहा, 'हमें जो भी हलफनाम दाखिल करना है, हम 18 सितंबर को करेंगे।' 

सर्वोच्च न्यायालय ने रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस म्यांमार भेजने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई के लिए सोमवार का दिन निर्धारित किया है। 

बता दें कि इससे पहले रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया था और कहा कि रोहिंग्या मुस्लिम देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। रोहिंग्या मुसलमानों को देश के व्यापक हित में वापस भेजा जाना चाहिए।

हालांकि बाद में केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे को रोक लिया। अब कुछ अन्य बदलावों के साथ इसे कोर्ट में सोमवार को पेश किया जाएगा।

केंद्र सरकार रोहिंग्या मुसलमानों पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में करेगी बदलाव

कई केंद्रीय मंत्री और राज्य सरकार के मंत्रियों ने पहले कहा था कि रोहिंग्या भारत में अवैध रूप से रह रहे शरणार्थी हैं और इन्हें देश छोड़कर जाना पड़ेगा। 

इस मुद्दे पर हलफनामे को याचिकाकर्ता मुहम्मद सलीमुल्लाह के वकील द्वारा गलत ढंग से पेश करने के बाद लीक हो गया था। जिस पर सरकार ने बाद में कहा था कि यह सिर्फ एक मसौदा है और उस पर काम किया जा रहा था। 

इस हलफनामे पर केंद्र ने कहा कि ऐसी कुछ जानकारी मिली है जिससे संकेत मिले हैं कि रोहिंग्या के पाकिस्तान और बांग्लादेश स्थित आतंकवादी संगठनों से संबंध हैं। केंद्र सरकार ने कहा कि उन्होंने यह भी पाया है कि भारत में कुछ एजेंसियां का संगठित नेटवर्क और दलाल रोहिंग्याओं की मदद कर रहे हैं। 

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