आखिर क्यों अनिवार्य हो गया था मोदी मंत्रिमंडल में फेरदबल?
019 के आम चुनाव के पहले नरेंद्र मोदी कैबिनेट में होने वाला संभवतया यह आखिरी फेरबदल है और संभव है कि इसी कैबिनेट के चेहरे को लेकर प्रधानमंत्री मोदी अगले चुनाव में जाएंगे।
नई दिल्ली:
लंबी जद्दोजहद और रस्साकशी के बाद नरेंद्र मोदी कैबिनेट में फेरबदल के काम को पूरा कर लिया गया है। 2019 के आम चुनाव के पहले नरेंद्र मोदी कैबिनेट में होने वाला संभवतया यह आखिरी फेरबदल है और संभव है कि इसी कैबिनेट के चेहरे को लेकर प्रधानमंत्री मोदी अगले चुनाव में जाएंगे।
पिछले काफी समय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट में फेरबदल को टालते आ रहे थे, हालांकि पिछले महीने परिस्थितियों में हुए बदलाव के बाद अब इसे टालना मुश्किल हो गया था। मुख्य तौर पर इन चार कारणों की वजह से मोदी कैबिनेट में फेरबदल अनिवार्य हो गया था।
1. फुल टाइम मंत्री नहीं
मनोहर पर्रिकर के गोवा लौटने और वेंकैया नायडू के उप-राष्ट्रपति बनने के बाद मोदी कैबिनेट में 4 प्रमुख मंत्रालयों (रक्षा, सूचना व प्रसारण, शहरी विकास व आवास, पर्यावरण) में फुल टाइम (पूर्णकालिक) मंत्री नहीं है।
सूचना व प्रसारण मंत्रालय और शहरी विकास व आवास मंत्रालय एम. वेंकैया नायडू के उप राष्ट्रपति बनने के बाद खाली हुआ है। सूचना व प्रसारण मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी के पास है। जबकि शहरी विकास व आवास मंत्रालय का कार्यभार नरेंद्र सिंह तोमर के पास है।
यह भी पढ़ें: मोदी कैबिनेट में बिहार से दो मंत्री, लेकिन JD-U को नहीं मिली कोई जगह
वहीं वित्तमंत्री अरुण जेटली रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर के इस्तीफे के बाद से ही रक्षामंत्री का कार्यभार संभाल रहे है। पर्रिकर अब गोवा के मुख्यमंत्री हैं। जेटली ने साफ कर दिया है कि नए फेरबदल के बाद वह रक्षामंत्री नहीं रहेंगे।
विपक्ष पाकिस्तान व चीन से तनाव के बीच केंद्र पर पूर्णकालिक रक्षामंत्री नहीं होने को लेकर आलोचना करता रहा है। अनिल माधव दवे के मई में निधन के बाद से केंद्रीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन उनके पर्यावरण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं।
2.विधानसभा चुनाव
गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से भी मंत्रिमंडल में फेरबदल अनिवार्य हो चला था।
इन राज्यों के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए जहां मंत्रियों को संगठन में भेजा गया है वहीं नए चेहरे को सराकर में जगह दी गई है।
यह भी पढ़ें: जानिए किन वजहों से पीएम मोदी ने छीन ली इन 6 मंत्रियों की कुर्सी
3. तीसरा और आखिरी विस्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मौजूदा कार्यकाल का तीसरा फेरबदल और विस्तार उनके कैबिनेट का लगभग आखिरी बदलाव है। ऐसे में संगठन को साधने की कोशिश की गई है।
पिछला मंत्रिमंडल फेरबदल बीते साल जुलाई में हुआ था, इसमें मोदी ने 19 चेहरों को शामिल किया था और पर्यावरण राज्य मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की रैंक को कैबिनेट मंत्री का किया गया। इसमें पांच जूनियर मंत्रियों को हटा दिया गया था। मोदी ने 26 मई, 2014 को प्रधानमंत्री पद संभाला था और मंत्रिमंडल का पहला विस्तार उसी वर्ष नवंबर में किया था।
यह भी पढ़ें: श्रीलंका में इतिहास रचने के करीब टीम इंडिया, धोनी को इस मामले में पीछे छोड़ेंगे विराट कोहली
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Arti Singh Wedding: दुल्हन आरती को लेने बारात लेकर निकले दीपक...रॉयल अवतार में दिखे कृष्णा-कश्मीरा
-
Salman Khan Firing: सलमान खान के घर फायरिंग के लिए पंजाब से सप्लाई हुए थे हथियार, पकड़ में आए लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे
-
Riddhima Kapoor: पापा ऋषि कपूर की आखिरी कॉल नहीं उठा पाईं रिद्धिमा कपूर, आज तक है अफसोस
धर्म-कर्म
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी