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पूर्व मंत्री राम शंकर कठेरिया बन सकते हैं नए यूपी बीजेपी अध्यक्ष, आरएसएस लगा सकता है नाम पर मुहर

अपने विवादित बयानों से सुर्खियों में रहने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री राम शंकर कठेरिया यूपी बीजेपी के अध्यक्ष बन सकते हैं

Updated on: 30 Apr 2017, 12:09 AM

नई दिल्ली:

अपने विवादित बयानों से सुर्खियों में रहने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री राम शंकर कठेरिया यूपी बीजेपी के अध्यक्ष बन सकते हैं। बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से सलाह के बाद उत्तर प्रदेश बीजेपी के नए अध्यक्ष के लिए कठेरिया के नाम पर मुहर लग सकती है।

सूत्र के मुताबिक आरएसएस के महासचिव भैयाजी जोशी और संयुक्त महासचिव दत्तात्रेय होसबले ने उत्तर प्रदेश में पार्टी के नए अध्यक्ष को लेकर प्रदेश में बीजेपी के प्रभारी ओम माथुर से चर्चा की, जिसके बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को कठेरिया का नाम सुझाया गया।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक कठेरिया उत्तर प्रदेश के ब्रज इलाके के दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और जातिगत समीकरणों में फिट बैठते हैं। उत्तर प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष की नियुक्ति के बारे में पूछे जाने पर एक शीर्ष बीजेपी नेता ने कहा, 'इस पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा।'

पार्टी के सचिव श्रीकांत शर्मा और सिद्धार्थनाथ सिंह अब उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री हैं, इसी तरह दारा सिंह पार्टी के ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) मोर्चा के अध्यक्ष पद पर बरकरार हैं। इसके अलावा, दिनेश शर्मा पार्टी योगी आदित्यनाथ की सरकार में उपमुख्यमंत्री के अलावा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर बरकरार हैं।

पार्टी संगठन स्तर पर होने वाले विस्तार का असर केंद्रीय मंत्रिमंडल में होने वाले संभावित फेरबदल पर भी दिख सकता है, जहां पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर अब गोवा के मुख्यमंत्री हैं, वहीं केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के पास रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार है।

बीजेपी अलग-अलग समुदायों को एक साथ लेकर चलने को इच्छुक है और नई नियुक्तियां पार्टी के जातिगत प्रतिनिधित्व को दर्शाने का प्रयास हो सकती हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ राजपूत बिरादरी से हैं, वहीं दिनेश शर्मा ब्राह्मण और मौर्य पार्टी का ओबीसी चेहरा हैं। योगी आदित्यनाथ पूर्वी उत्तर प्रदेश से हैं, जबकि शर्मा तथा मौर्य राज्य के मध्य हिस्से से हैं।

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विवादित बयानों को लेकर कठेरिया को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बीते साल जुलाई में बाहर कर दिया गया था। गौरतलब है कि लखनऊ विश्वविद्यालय में एक जनसमूह को संबोधित करते हुए कठेरिया ने कहा था कि 'शिक्षा और देश का भगवाकरण किया जाएगा।'

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