आतंकवाद का निर्यात बंद करे पाकिस्तान, तभी संभव है बातचीत: राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह- जब तक पाकिस्तान सीमापार से आतंकवाद का निर्यात बंद न कर दे तब तक उससे बातचीत का कोई मतलब नहीं है।
नई दिल्ली:
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि जब तक पाकिस्तान, भारत में आतंकवाद का निर्यात बंद नहीं कर देता तब तक उससे बात करने का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि आतंकवादियों को भेजकर व संघर्ष विराम का उल्लंघन कर पाकिस्तान का भारत को अस्थिर करने का प्रयास जारी है।
बीजेपी द्वारा तेलंगाना के निजामाबाद में 'तेलंगाना मुक्ति दिवस' के मौके पर एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सीमा पर स्थिति बदल गई है और भारत अब एक कमजोर देश नहीं है।
उन्होंने कहा, 'कुछ लोग कहते है कि बातचीत होनी चाहिए। हम कह रहे हैं कि हम किसी से भी बात कर सकते हैं, लेकिन जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का निर्यात और भारत को अस्थिर करने के लिए आतंकवादियों को भेजना बंद नहीं करता तो पाकिस्तान के साथ बातचीत का कोई मतलब नहीं होगा।'
Ab humara ye Bharat kamzor Bharat nahi reh gaya hai, ye duniya ka ek taakatwar Bharat ban gaya hai: HM Rajnath Singh in Nizamabad, Telangana pic.twitter.com/h2SreQsRNU
— ANI (@ANI) September 17, 2017
भारत के अपने पड़ोसियों से अच्छे संबंध की चाह रखता है। इस बात पर जोर देते हुए उन्होंने याद दिलाया कि यही मंशा थी जब मोदी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में सभी पड़ोसी देशों के प्रमुखों को आमंत्रित किया गया।
उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन एक पड़ोसी के रूप में पाकिस्तान ने कभी सकारात्मक तरीके से जवाब नहीं दिया और भारत को कमजोर करने के अपने प्रयासों को जारी रखा।'
भारत द्वारा आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में पहले इसके जैसी मिसाल नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने 2014 में सीमा पर पांच भारतीय नागरिकों की हत्या के बाद उन्होंने सीमा बीएसएफ के जवानों को मजबूती से जवाब देने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा, 'मैंने बीएसएफ के डायरेक्टर जनरल से कहा कि भारत अहिंसा में विश्वास रखता है और इसलिए हम पहले गोली नहीं चलाएंगे, लेकिन यदि पाकिस्तान गोलीबारी शुरू करता है तो फिर कोई भारतीयों की गोलियों को गिनने में सक्षम नहीं हो।'
राजनाथ सिंह ने आतंकवाद, कट्टरवाद व नक्सलवाद की समस्याओं को जड़ से खत्म करने की बात दोहराई। उन्होंने कहा कि भारत एक ताकतवर देश के तौर पर उभरा है और कोई शक्ति इस पर बुरी नजर नहीं डाल सकती या इसकी संप्रभुता को खतरा नहीं पैदा कर सकती।
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गृहमंत्री ने कहा कि 15 अगस्त 1947 से 17 सितम्बर 1948 के 13 महीने की अवधि भारत के इतिहास में एक काला अध्याय रहे हैं क्योंकि हैदराबाद राज्य के शासक ने भारत के साथ विलय चाहने वाले लोगों का दमन किया था।
उन्होंने भारत के प्रथम गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को पुलिस कार्रवाई की शुरुआत के लिए याद किया जिससे निजाम को हैदराबाद राज्य को भारतीय संघ में आने के लिए मजबूर होना पड़ा।
उन्होंने कहा कि भारत के राजनीतिक एकजुटता का श्रेय पटेल को जाता है, जिन्होंने सभी राज्यों का भारतीय संघ में विलय सुनिश्चित किया।
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