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आरुषि हत्याकांड: तलवार दंपति बरी, कोर्ट ने कहा-बेटी को नहीं मारा

आरुषि-हेमराज हत्याकांड के मामले में उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए कहा कि तलवार दंपति ने अपनी बेटी आरुषि की हत्या नहीं की है।

Updated on: 12 Oct 2017, 11:30 PM

highlights

  • आरुषि-हेमराज हत्याकांड के मामले में उच्च न्यायालय ने  तलवार दंपति को किया बरी
  • अदालत ने कहा,माता-पिता को सिर्फ इसलिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि उस रात घर में थे मौजूद 

 

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में नोएडा के बहुचर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड के मामले में उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए कहा कि तलवार दंपति ने अपनी बेटी आरुषि की हत्या नहीं की है।

अदालत ने साफ तौर पर कहा कि माता-पिता को सिर्फ इसलिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि वह घटना की रात घर में मौजूद थे। उन्हें इस मामले से बरी किया जाता है। न्यायमूर्ति बी.के. नारायण और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र की खंडपीठ ने जांच एजेंसी की जांच में कई खामियां पाई और राजेश तलवार और नुपूर तलवार को को बरी कर दिया।

अदालत का फैसला आने के बाद राजेश तलवार और नुपूर तलवार के वकील तनवीर अहमद ने मीडिया से बातचीत में कहा, "चार महीने की लंबी बहस के बाद अदालत ने मेरे दोनों मुवक्किल को मामले से बरी कर दिया है। उम्मीद है कि वह शुक्रवार दोपहर तक जेल से रिहा हो जाएंगे।"

तनवीर अहमद ने कहा, 'पिछले चार महीने से इस मामले में बहस चल रही थी। यह बहस बुधवार को पूरी हुई थी, जिसके बाद दो खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। गुरुवार को पीठ ने अपना फैसला सुनाया, जिसमें उसने साफ तौर पर कहा कि माता-पिता को सिर्फ इसलिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता कि वह घटना की रात घर में मौजूद थे।

तनवीर अहमद ने कहा, 'चार महीने के दौरान दोनों पक्षों के बीच इस मामले को लेकर काफी सकारात्मक माहौल के बीच बहस हुइ थी। अदालत ने इस दौरान दोनों पक्षों के वकीलों को इस बात के लिए भी धन्यवाद दिया कि दोनों पक्ष काफी अच्छे माहौल में बहस कर रहे हैं।

इस बीच सीबीआई के वकील ने मीडिया से सिर्फ इतना कहा कि अदालत का फैसला पूरी तरह से पढ़ने के बाद ही कोई कदम उठाया जाएगा। फिलहाल हमें फैसले की कॉपी का इंतजार है।

अदालत का फैसला सामने आने के बाद डॉसना जेल के अधिकारियों ने कहा, 'हमें मालूम चला है कि तलवार दंपति को बरी कर दिया गया है। फैसले के दिन सुबह वह थोड़ा तनाव में दिख रहे थे, लेकिन फैसला आने के बाद वे काफी खुश हैं।'

जेलर से यह पूछे जाने पर कि दोनों को कब तक रिहा किया जाएगा, तो उन्होंने कहा कि जैसे ही न्यायालय के फैसले की कॉपी उन्हें मिल जाएगी उन्हें कानूनी प्रक्रिया पूरी कर छोड़ दिया जाएगा।

गौरतलब है कि इस मामले में आरोपी दंपति डॉ़ राजेश तलवार और नुपुर तलवार ने सीबीआई अदालत गाजियाबाद की ओर से आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील दाखिल की थी।

डॉ़ तलवार की नाबालिग पुत्री आरुषि की हत्या वर्ष 2008 में 15 मई की रात नोएडा के सेक्टर 25 स्थित घर में ही कर दी गई थी। विवेचना के दौरान अगले ही दिन घर की छत पर उनके घरेलू नौकर हेमराज का शव भी पाया गया था।

इस हत्याकांड में नोएडा पुलिस ने 23 मई को डॉ. राजेश तलवार को बेटी आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। 1 जून को इस मामले की जांच सीबीआई को स्थानांतरित हो गई।

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सीबीआई की जांच के आधार पर गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट ने 26 नवंबर, 2013 को हत्या और सबूत मिटाने का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। तब से तलवार दंपति जेल में बंद हैं।

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