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राजस्थान: मंत्री-अधिकारियों के खिलाफ आरोपों की रिपोर्टिंग पर बैन, राजे सरकार ने पास किया अध्यादेश

राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार ने सेवानिवृत्त और कामकाजी जजों, मजिस्ट्रेट और नौकरशाहों के खिलाफ की जाने वाली शिकायत पर प्रतिबंध लगाए जाने से जुड़े अध्यादेश को पारित कर दिया है।

Updated on: 20 Oct 2017, 10:56 PM

highlights

  • राजस्थान में मंत्री, जज और अधिकारियों के खिलाफ आरोपों की रिपोर्टिंग पर होगा बैन
  • राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार ने पारित किया अध्यादेश, बिना अनुमित लिए नहीं होगी अदालती और पुलिसिया कार्रवाई

नई दिल्ली:

राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार ने सेवानिवृत्त और कामकाजी जजों, मजिस्ट्रेट और नौकरशाहों के खिलाफ की जाने वाली शिकायत पर प्रतिबंध लगाए जाने से जुड़े अध्यादेश को पारित कर दिया है। 

राज्य में काम कर रहे अधिकारी राजे सरकार के इस अध्यादेश के बाद किसी भी संभावित कार्रवाई से इम्युन हो जाएंगे और इनके खिलाफ बिना अनुमति लिए कोई अदालती या पुलिस कार्रवाई नहीं की जा सकेगी।

7 सिंतबर को जारी द क्रिमिनल लॉ (राजस्थान अमेंडमेंट) ऑर्डिनेंस 2017 में मीडिया को भी ऐसे किसी आरोप की रिपोर्टिंग की इजाजत नहीं होगी जब तक कि संबंधित मामले में जांच के लिए मंजूरी नहीं दे दी जाती है।

अध्यादेश में अधिकारियों को 180 दिनों के लिए इम्युनिटी दी गई है। इसमें कहा गया है, 'कोई भी मजिस्ट्रेट किसी भी सेवानिवृत्त या कामकाजी जज या मजिस्ट्रेट के खिलाफ जांच का आदेश नहीं देगा।'

अध्यादेश के जरिए आपराधिक संहिता 1973 को संशोधित किया जाएगा और इसके साथ ही नौकरशाहों से जुड़े किसी भी मामले, उनका नाम, पता, फोटो या पारिवारिक जानकारी छापने की अनुमित नहीं होगी। इन नियमों का उल्लंघन करने वाले को दो सालों की सजा दिए जाने का प्रावधान रखा गया है।