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हाई कोर्ट जज ने कहा- मोर कभी सेक्स नहीं करता, आंसुओं से होती है मोरनी प्रेग्नेंट

राजस्थान हाई कोर्ट के जस्टिस महेश चंद्र शर्मा ने बुधवार को एक फैसले के दौरान कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु बना देना चाहिए। गोहत्या करने वालों को उम्र कैद की सजा होना चाहिए।

Updated on: 01 Jun 2017, 08:54 AM

नई दिल्ली:

राजस्थान हाई कोर्ट के जस्टिस महेश चंद्र शर्मा ने बुधवार को एक फैसले के दौरान कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु बना देना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने गोहत्या करने वालों को उम्र कैद की सजा होने का भी समर्थन किया।

जस्टिस महेश चंद्र शर्मा बुधवार को ही रिटायर हो गए। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा- 'हमने मोर को राष्ट्रीय पक्षी इसलिए घोषित किया क्योंकि मोर पूरी जिंदगी ब्रह्मचारी रहता है। मोर के आंसू पीकर ही मोरनी गर्भवती होती है।'

जस्टिस ने कहा, 'भगवान कृष्ण ने भी मोर पंख को अपने मुकुट में इसलिए धारण किया था क्योंकि वह ब्रह्मचारी है, साधु भी मोर पंख इसलिए अपने पास रखते हैं। ठीक इसी तरह से गाय के अंदर भी कई गुण होते हैं इसलिए उसे राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए।'

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देश में इसके पहले भी कई बार इस तरह की बात सामने आती रही है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करना चाहिए। लेकिन, किसी कोर्ट में यह पहला मामला है जब किसी जज ने इस बात की सिफारिश की है। राजस्थान उच्च न्यायालय के जज न्यायमूर्ति महेश चंद्र शर्मा सिविल, आपराधिक और राजस्व मामलों के एक्सपर्ट हैं।

जस्टिस ने रिटायर होने के ठीक पहले जो फैसला दिया वह पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। जस्टिस शर्मा ने मोर को लेकर जो उदाहरण दिया वह पूरी तरह से विवादित है क्योंकि मोर भी दूसरे पक्षियों की तरह सेक्स करता है और मोरनी अंडे देती है। मोरों में भी प्रजनन की क्रिया होती है।

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